नई दिल्ली: रेल मंत्रालय की प्रमुख कार्गो दृष्टिपत्र योजना ‘मिशन 3,000’ के तहत रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि योजना अभी पटरी पर है और इसके तहत माल ढुलाई में आगामी वर्षों में वृद्धि होगी। वैष्णव के अनुसार, सरकार का लक्ष्य 2030 तक रेल से 3,000 मिलियन टन (एमटी) माल ढुलाई पूरा करना है।
मिशन 3,000: लक्ष्य और योजनाएं
नई दिल्ली में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में रेल मंत्री ने कहा कि “मिशन 3,000 पर अभी भी काम जारी है। कई परियोजनाएं, जिनकी जब पूरी होंगी, माल ढुलाई में भारी वृद्धि का कारण बनेंगी। उदाहरण के तौर पर, जब सोननगर अंडाल चतुर्भुज परियोजना पूरी होगी, तो लोडिंग में जोरदार वृद्धि होगी। इसी प्रकार अन्य परियोजनाएं भी हैं। इस क्षेत्र की पहले उपेक्षा की गई थी, लेकिन अब हम हर साल 2.5 लाख करोड़ रुपये निवेश कर रहे हैं।”
सर्राफा बाजार में मामूली गिरावट, सोना और चांदी की फीकी पड़ी चमक
माल ढुलाई में बढ़ोतरी की उम्मीद
वर्तमान वित्त वर्ष में मंत्रालय ने पहली बार 1,600 मिलियन टन माल ढुलाई की है, लेकिन मिशन 3,000 के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में ढुलाई की गति को दोगुना करना होगा। शनिवार को केंद्रीय बजट पेश होने के बाद व्यापारियों और विशेषज्ञों ने कहा कि माल ढुलाई की वृद्धि दर अपेक्षाकृत कम रही है। खासकर, जब रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में माल ढुलाई का लक्ष्य 15 मिलियन टन घटाकर 1,635 मिलियन टन किया था और 2025-26 के लिए 1,700 मिलियन टन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो 2025 के संशोधित अनुमान से 4 प्रतिशत अधिक है।
देश में प्रमुख खनिजों का उत्पादन चालू वित्त वर्ष में बढ़ा, लौह अयस्क शीर्ष पर रहा
माल ढुलाई में वृद्धि के पीछे मुख्य कारण
रेल मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के बाद रेलवे पर अस्थायी रोक लगने के बाद हर साल माल ढुलाई में दो अंकों की वृद्धि हुई है और अब ढुलाई 1,500 मिलियन टन के महत्वपूर्ण पड़ाव को पार कर चुकी है। हालांकि, इस वित्त वर्ष में माल ढुलाई में महज 2.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है। वैष्णव के मुताबिक, रेलवे नेटवर्क में कुछ बाधाएं हैं जिन्हें दूर कर लिया जाएगा, जिसके बाद माल ढुलाई की गति में तेजी आएगी।
नई ट्रेनें और हाइड्रोजन ट्रेनें: भविष्य की दिशा
इसके अलावा, मंत्री ने बताया कि सरकार छह हाइड्रोजन ट्रेनों और ‘नमो भारत ट्रेन’ लाने की योजना बना रही है, जो गैर वातानुकूलित होंगी। इन योजनाओं से रेलवे में और भी सुधार हो सकते हैं और माल ढुलाई में वृद्धि हो सकती है।