कानपुर। मानसून की ट्रफ लाइन कभी उत्तर तो कभी दक्षिण की ओर रुख कर जाती है। इससे झमाझम बारिश का दौर जुलाई माह में उत्तर प्रदेश में कुछ ही दिनों देखने को मिला और स्थानीय स्तर पर हल्की से मध्यम बारिश होती रही। ऐसे में जुलाई माह में अब तक जो बारिश होना चाहिये उससे नौ फीसदी कम बारिश हुई। हालांकि पहली अगस्त से अच्छी बारिश के संकेत मिल रहे हैं।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने रविवार को बताया कि उत्तर प्रदेश में बीते कई दिनों से मानसून कमजोर चल रहा है और स्थानीय स्तर पर खण्डवार बारिश हो रही है। इसके साथ ही तेज धूप से उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। लोग अच्छी बारिश की उम्मीद लगाए हुए हैं। इस दौरान कम बारिश का कारण मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर प्रदेश से खिसकर दक्षिण पहुंचना रहा। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी से जो मानसून उत्तर प्रदेश की ओर आना चाहिये तो हवाओं के रुख के चलते वह अभी तक चीन की ओर जा रहा था। हालांकि जुलाई माह की शुरुआत में पूरे उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश हुई। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में जो बारिश होना चाहिये उस आंकड़े तक नहीं पहुंच सकी।
जुलाई माह में अब तक 313.2 मिमी बारिश होना था, लेकिन 285.9 मिमी ही बारिश हो सकी। इस प्रकार जुलाई माह में उत्तर प्रदेश में अब तक नौ फीसदी बारिश कम हुई है।
हालांकि अब एक बार फिर हवाओं की दिशाएं बदली हैं और मानसून उत्तर प्रदेश में 30 जुलाई की रात्रि से सक्रिय होगा जो चार फरवरी तक मध्यम से भारी बारिश करता रहेगा। अगर पूरे देश की बात करें तो जुलाई माह में अब तक तीन फीसदी बारिश कम हुई है।