नई दिल्ली। बजट सेशन के तीसरे दिन विपक्ष ने सोमवार को महाकुंभ भगदड़ मामले में सदन में हंगामा किया. विपक्ष की मांग है कि राज्य सरकार भगदड़ से हुई मौतों का सही आंकड़ा पेश करे.
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महाकुंभ भगदड़ मामले पर समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि कुंभ मेले में प्रशासनिक लापरवाही और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की देखरेख में बनाए गए पुलों को बंद करने और केवल अखाड़ों व वीवीआईपी के लिए खोलने के कारण यह त्रासदी हुई.
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सपा सांसद ने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस घटना में हजारों लोग मारे गए, कुछ लोग गंगा में बह गए और अन्य दब गए. लेकिन मुख्यमंत्री का अधिकारियों को निर्देश है कि यह संख्या 30 से अधिक नहीं होनी चाहिए. मृतकों के परिजनों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे 15 से 20 हजार रुपये लेकर शव को ले जाएं. किसी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. यहां सदन में मुद्दा उठाते हैं, तो रिजेक्ट कर दिया जाता है.
उन्होंने कहा कि कुंभ में इतनी बड़ी त्रासदी हुई, फिर भी वास्तविक संख्या छिपाई जा रही है. क्या लोगों को यह जानने का अधिकार नहीं है कि उनके परिवार के सदस्य जो वहां गए थे, वे जीवित हैं या नहीं. यहां तक कि एक बुनियादी सूची भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. उनका दावा है कि केवल 30 लोग मरे हैं- तो कम से कम उन 30 लोगों के नाम तो जारी करें. वे कौन हैं, कहां से थे. यह जानकारी भी उपलब्ध नहीं है. यह केवल एक राज्य का मुद्दा नहीं है, यह एक राष्ट्रीय त्रासदी है.