Tuesday, December 24, 2024

(राज विस चुनाव) गहलोत सरकार 4 साल कुर्सी की लड़ाई लड़ती रही और सूबा विकास को तरसता रहा: पीयूष गोयल

अजमेर। केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राजस्थान में बीते 5 साल के शासन में से 4 साल तक गहलोत सरकार कुर्सी की लड़ाई के साथ-साथ भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण को बढ़ावा देने में लगी रही। इस सरकार ने विकास तो छोड़िए, केन्द्रीय योजनाओं का क्रियान्वयन, पानी-बिजली समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं को जुटाने तक का प्रयास नहीं किया। आज राजस्थान में जो कुछ विकास दिख रहा है, वह मोदी सरकार की मेहरबानी है।

कपड़ा मंत्री गोयल मंगलवार दोपहर किशनगढ़ के आरके कम्युनिटी सेंटर में किशनगढ़ भाजपा की ओर से आयोजित प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। गोयल ने कहा कि राजस्थान तीन तरफ से गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से घिरा है। इन तीनों राज्यों के मुकाबले राजस्थान में विकास की दर काफी कमजोर है। गहलोत सरकार चार साल तक कुर्सी की लड़ाई लड़ती रही। ऐसे में राजस्थान में थोड़ा-बहुत जो विकास का पहिया घूम रहा है, वह मोदी सरकार की बदौलत है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में किशनगढ़ मार्बल-ग्रेनाइट और कपड़े के निर्यात के हब के तौर पर उभरा है। यहां के कारोबारी भी बिजली जैसी समस्याओं से दो-चार हो रहे हैं। सरकार उन्हें बिजली तक नहीं दे पा रही है। जितनी बिजली दी जा रही है, उस पर भी सैकड़ों रुपये टैक्स वसूले जा रहे हैं। बिजली की किल्लत से कारोबारी प्रोडक्शन लॉस झेल रहे हैं।

गोयल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकारें जिन-जिन राज्यों में हैं, वहां भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण चरम पर है। गहलोत सरकार की इसी तुष्टिकरण की नीति से जयपुर सीरियल ब्लास्ट के सभी आरोपित छूट गए। इस सरकार ने 66 हजार करोड़ का खनन घोटाला कर राजस्थान को शर्मसार किया है। यह सरकार उद्योग और व्यापार के लिए नासूर है। इस सरकार में उद्योगों के लिए कुछ नहीं हुआ। हम 2017 से 2019 तक राजस्थान के साथ मिलकर रेलवे के विस्तार का प्रोजेक्ट बना रहे थे लेकिन 2018 में सरकार बदलते ही गहलोत सरकार ने जमीन देने से हाथ खड़े कर प्रोजेक्ट को रोक दिया। यह सरकार मार्बल उद्योग की जीएसटी को लेकर भी अपनी बात जिम्मेदार तरीके से नहीं कर पाई।

गोयल ने आरोप लगाया कि हम 2 लाख करोड़ की निवेश योजना लेकर आए लेकिन जब एनालिसिस किया तो पता चला कि राजस्थान में इस योजना में अंगुलियों पर गिनने लायक निवेशक भी नहीं मिले। सरकार को कुर्सी का मोह नहीं छूट रहा और राजस्थान गर्त में जाता रहा। इस सरकार में निवेश के प्रति भी कारोबारी रुचि नहीं दिखा पाए। गहलोत के शासन में उन्हें जमीन, बिजली, पानी और एनओसी के लिए भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब निवेशक के मन में सरकार की ईमानदारी बैठती है, तब वह निवेश प्रस्ताव लाता है और कौशल विकास की योजनाएं बनती है। इस सरकार के शासन में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है। ऐसे में व्यापारी और उद्योगपति भी भयभीत है। राजस्थान बीते 5 सालों में ढांचागत विकास में पिछड़ता रहा है। मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए गोयल ने कहा कि राजस्थान में डबल इंजन की सरकार बनते ही यहां विकास फर्राटे भरता नजर आएगा। सम्मेलन को सांसद और भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ने भी संबोधित किया।

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