Sunday, May 19, 2024

रामगोपाल यादव का बयान सनातन आस्था के साथ खिलवाड़- मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को चुनाव प्रचार पर जाने से पूर्व अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री के निशाने पर कांग्रेस, सपा, राजद समेत इंडी गठबंधन के तमाम दल रहे। सपा नेता रामगोपाल यादव और राजद प्रमुख लालू यादव के बयानों पर भी उन्होंने खूब लताड़ा। योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी-कांग्रेस का चरित्र हिंदू और राम विरोधी है। ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखि तिन तैसी’।

उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने राम मंदिर के मुद्दे पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का नक्शा ठीक नहीं है। वह मंदिर बेकार का है। मंदिर ऐसे नहीं बनता है। उनके इस बयान पर मुख्यमंत्री योगी ने पलटवार किया है।

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मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह रामभक्तों पर गोली चलाने, श्रीराम के अस्तित्व को नकारने और मर्यादा प्रभु श्रीराम की ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने वाले लोग हैं। यह भारत की आस्था, भारत के राष्ट्र नायकों का सम्मान कर सकें, आजादी के आंदोलन में योगदान देने वाले महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति श्रद्धा का भाव रख सकें। इन लोगों से ऐसी उम्मीद करना बेमानी है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस, सपा, डीएमके, राजद, नेशनल कॉफ्रेंस एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। यह लोग हमेशा से अयोध्या में राम मंदिर का विरोध करते रहे हैं। इनकी भावनाएं हिंदुओं और भारत की आस्था के विरोध में रहती हैं। इनका चरित्र तुष्टिकरण की नीति को पोषित करने वाला है। यह आतंकवाद समर्थक और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों के विपरीत आचरण करते रहे हैं। ऐसे लोगों से इससे अधिक उम्मीद नहीं की जा सकती है, लेकिन यह लोग जान लें कि ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने का मतलब- विनाश काले, विपरीत बुद्धि। इनका वास्तविक चरित्र जनता-जनार्दन समझ रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस व इंडी गठबंधन से जुड़े लोगों ने शुरू से प्रयास किया कि अयोध्या में राम मंदिर के मामले में माननीय न्यायालय से फैसला न आने पाए। यह लोग बैरियर बनकर रोड़े अटकाते थे। जब मामला उच्चतम न्यायालय में गया, तब 7-8 वर्षों तक इन लोगों ने कुछ नहीं होने दिया, पर जब मोदी के नेतृत्व में केंद्र, फिर राज्य में सरकार बनी तो इस प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाया गया। इस पर उच्चतम न्यायालय ने फैसला दिया। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण हुआ। देश और दुनिया का कोटि-कोटि श्रद्धालु आकर श्रद्धा व्यक्त करते हुए नई अयोध्या का दर्शन कर रहा है। कांग्रेस-सपा व इंडी गठबंधन के लोग रामद्रोहियों के साथ खड़े हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रामगोपाल यादव का बयान सपा व कांग्रेस के साथ इंडी गठबंधन की वास्तविकता को प्रदर्शित करता है। यह लोग वोट बैंक के लिए न केवल भारत की आस्था से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि प्रभु श्रीराम की ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने का काम कर रहे हैं। इतिहास गवाह है कि जिसने भी ईश्वरीय सत्ता को चुनौती दी है, उसकी दुर्गति हुई है।

उन्होंने कहा कि रामगोपाल यादव का बयान सनातन आस्था के साथ खिलवाड़, कोटि-कोटि रामभक्तों का अपमान है। जिन लोगों ने पूरा जीवन राम मंदिर के लिए समर्पित किया है, उनकी आस्था पर कुठाराघात है। भारतीय समाज इसे कतई स्वीकार नहीं कर सकता। इनका बयान चिढ़ाने वाला है। तुष्टिकरण की नीति पर चलकर वोट बैंक को बचाए रखने की कवायद की जा रही है। ऐसे बयानों से इनकी वास्तविकता साफ झलक रही है।

योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री भी कह रहे हैं कि इंडी गठबंधन से जुड़े कांग्रेस, सपा-राजद आदि दल पिछड़ी, अनुसूचित जाति व जनजाति के आरक्षण पर सेंध लगाने का प्रयास करेंगे। इनका घोषणा पत्र इस बात का उल्लेख करता है। कांग्रेस नेतृत्व की यूपीए सरकार जब सत्ता में थी तो राजद व सपा उसके घटक दल थे। उस समय इन लोगों ने रंगनाथ मिश्रा व सच्चर कमेटी गठित की थी। रंगनाथ मिश्रा कमेटी ने उल्लेख किया था कि 27 में से छह फीसदी आरक्षण मुसलमानों को देना चाहिए। भाजपा ने उस समय इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता। फिर सच्चर कमेटी गठित करके अनुसूचित जाति-जनजाति के आरक्षण में सेंध लगाने का प्रयास किया था। इन लोगों ने मुस्लिमों की कुछ जातियों को अनुसूचित जाति-जनजाति में शामिल करने का प्रयास किया। भाजपा ने इसका भी विरोध किया था, क्योंकि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण के विरोधी थे। उन्होंने कहा था कि धर्म के नाम पर आरक्षण नहीं हो सकता। य़ह भारत के विभाजन का कारण बना था, इसलिए हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए। इस कारण अनुसूचित जाति, जनजाति व पिछड़ी जाति के अधिकार बच पाए पर कांग्रेस, सपा व राजद को जब भी अवसर मिलेगा, यह इन जातियों के आरक्षण में सेंध लगाकर जबरन अल्पसंख्यकों को देने का प्रयास करेंगे। भारत के विभाजन की आधारशिला रखी जा रही है, जिसे नकारते हुए मतदाताओं को पुरजोर जवाब देना चाहिए।

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