मुजफ्फरनगर। रामपुर तिराहा कांड में सामूहिक दुष्कर्म, लूट और छेड़छाड़ के मामले में आजीवन कारावास की सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। दो सिपाहियों को सजा सुनाई गई थी। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या-7 के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह ने फैसला सुनाया था। बचाव पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट से फैसले का रिकॉर्ड तलब किया है।
सीबीआई बनाम मिलाप सिंह की पत्रावली में पिछले महीने करीब तीन दशक बाद अदालत का फैसला आया था। पीएसी के सिपाही रहे दोषी मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप सिंह को धारा 376 (2) (जी) में आजीवन कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 392 में सात साल का कठोर कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड, छेड़छाड़ की धारा 354 में दो साल कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड और धारा 509 में एक साल का कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई थी।
दोनों दोषियों पर कुल अर्थदंड एक लाख रुपये लगाया गया था। इस फैसले को दोनों सिपाहियों ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर चुनौती दी है।