मुजफ्फरनगर।अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को सीबीआई की ओर से साक्ष्य के लिए एसपी शिमला राजेश चहल को पेश किया जाना था, लेकिन वह अदालत नहीं पहुंचे। रामपुर तिराहा कांड में साक्ष्य के लिए सीबीआई के एसपी शिमला कोर्ट में पेश नहीं हो सके। सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट मयंक जायसवाल ने सुनवाई के लिए छह नवंबर की तिथि तय की है।
सीबीआई बनाम एसपी मिश्रा की पत्रावली में सुनवाई चल रही है। साक्ष्य मिटाने के मामले में अभी तक अभियोजन कई गवाह पेश कर चुका है। सीबीआई के अधिवक्ता महेश यादव और उत्तराखंड समन्वय समिति के नामित अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि शुक्रवार को सीबीआई की ओर से साक्ष्य के लिए एसपी शिमला राजेश चहल को पेश किया जाना था, लेकिन वह अदालत नहीं पहुंचे। सीबीआई की ओर से अदालत में अगली तिथि के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया।
एक अक्तूबर वर्ष 1994 की रात को उत्तराखंड की मांग के लिए आंदोलनकारी देहरादून से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। रात के समय रामपुर तिराहे पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। हंगामा बढ़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज और फायरिंग की, जिसमें सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। महिलाओं के साथ अभद्रता की गई थी।
मुजफ्फरनगर के लोगों ने आंदोलनकारियों की मदद की थी। प्रकरण की सीबीआई जांच के आदेश 1995 में हुए थे। अदालत में प्रकरण की सुनवाई चल रही है।