प्रतिवर्ष हमारे देश में हजारों की संख्या में लोग पक्षाघात जैसे गंभीर रोग के कारण मृत्यु का ग्रास बन जाते हैं। जब किसी कारणवश हमारे मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति में बाधा आती है तो मस्तिष्क के उस भाग में सेल्स अपनी एनर्जी का स्रोत खो बैठते हैं और सेल्स समाप्त होना प्रारंभ हो जाते हैं। अधिकतर रोगियों में रक्त नलिकाओं का संकरी हो जाना इसका कारण बनता है। रक्तनलिकाओं के संकरी होने का कारण उनमें कोलेस्ट्रोल व अन्य वसा का जम जाना है। इसके अतिरिक्त भी अन्य कारणों से पक्षाघात हो सकता है।
बोस्टन के मैसाचुसेट्स अस्पताल के न्यूरोलोजिस्ट के अनुसार पक्षाघात को रोका जा सकता है और इसके लिए सबसे पहला चरण है रक्तचाप पर नियंत्राण। लगातार उच्च रक्तचाप रक्तवाहिनियों की सख्ती का कारण बनता है। इसके कारण रक्तवाहिनियों की दीवारें कड़ी हो जाती हैं। इस प्रक्रिया में उच्च रक्तचाप के अतिरिक्त धूम्रपान, मोटापा व अधिक कोलेस्ट्रोल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार तीस वर्ष के उपरांत रक्तचाप की जांच हर मास एक बार अवश्य करवानी चाहिए और अगर रक्तचाप सामान्य से अधिक हो तो डॉक्टर के परामर्श के अनुसार दवा लेनी चाहिए व जीवन शैली में कुछ परिवर्तन जैसे नमक व वसा की कम मात्रा का सेवन, वजन नियंत्रण, व्यायाम आदि भी करने चाहिए। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पक्षाघात होने से पूर्व व्यक्ति जान नहीं पाता पर कई बार इसके लक्षण उभरने लगते हैं और ऐसे समय में अगर समय रहते सही इलाज करा लिया जाए तो इस पर नियंत्रण पा कर मृत्यु का शिकार होने से बचा जा सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार ये मुख्य
लक्षण हैं जिन्हें आप चेतावनी मान सकते हैं:-
– अगर आप अपनी बाजू, टांग या चेहरे के किसी भाग पर चेतना शून्यता या कमजोरी जैसा एहसास पाते हैं तो यह आपको इस बात की जानकारी दे रहा है कि आपके मस्तिष्क के किसी विशेष भाग में रक्त की आपूर्ति कम हो रही है। आप फौरन विशेषज्ञ से सलाह लें। हो सकता है आपकी रक्तवाहिनियों में संकरापन आ गया हो। अगर समय रहते रोग पकड़ में आ जाए तो उसका इलाज किया जा सकता है।
– पक्षाघात से कुछ सेकण्ड या मिनट पहले क्षणिक आंखों से दिखाई देना बंद हो जाए तो यह भी मस्तिष्क को जाने वाली किसी रक्तनलिका के संकरे हो जाने की चेतावनी हो सकती है जिसके कारण मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुंच पा रहा।
– अगर आपको अस्थायी रूप से बोलने में कठिनाई हो रही है तो भी विशेषज्ञ से तुरंत मिलें।
– बेहोशी, अस्थिर संतुलन के कारण एकदम से गिर पड़ना भी पक्षाघात के लक्षण हो सकते हैं। इसमें आपको धुंधलापन भी नजर आ सकता है।
इन उपरोक्त लक्षणों के अतिरिक्त बहुत तेज सिरदर्द, उल्टी हो जाना आदि भी पक्षाघात के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे समय में जल्दी से जल्दी डॉक्टर से संपर्क करने की कोशिश करें और उसकी सलाहानुसार चलें। सही आहार, रक्तचाप नियंत्रण, धूम्रपान न करना, अल्कोहल का कम सेवन आदि जीवन शैली संबंधी बातों को अपनाकर आप पक्षाघात की संभावना को कम कर सकते हैं।
/सोनी मल्होत्रा