Wednesday, November 20, 2024

ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होगी महंगी, 30% तक बढेगी फ्लैटों की रजिस्ट्री

नोएडा। ग्रेटर नोएडा में फ्लैटों और संपत्तियों की रजिस्ट्री की दरें अब पहले से अधिक महंगी होने जा रही हैं। निबंधन विभाग ने फ्लैटों की रजिस्ट्री दरों में 25 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर जिलाधिकारी को भेजा है। इसके अलावा, गांवों और नगरीय क्षेत्रों में फ्री होल्ड संपत्तियों की रजिस्ट्री दरों में 25 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि का प्रस्ताव है। खासतौर पर फ्री होल्ड कॉमर्शियल संपत्तियों के सर्किल रेट में भी 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है।

 

जिलाधिकारी की अनुमति के बाद इस प्रस्ताव पर आम जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी। इन आपत्तियों के निस्तारण के बाद नई दरें लागू की जाएंगी। इससे फ्लैट और संपत्तियों की खरीद-फरोख्त करने वालों पर वित्तीय भार बढ़ने की संभावना है, और रियल एस्टेट बाजार में इसका असर देखने को मिल सकता है।

 

गौतमबुद्ध नगर जिले में सर्किल रेट में अंतिम बार 8 अगस्त 2019 को संशोधन किया गया था। इसके बाद प्रशासन ने कई बार इन दरों को बढ़ाने का प्रयास किया, लेकिन नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरणों से सहयोग नहीं मिलने के कारण यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी।

हालांकि, इस बार प्रशासन ने प्राधिकरणों की प्रतिक्रिया का इंतजार न करते हुए स्वतंत्र रूप से सर्किल रेट में वृद्धि की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कदम जिले में संपत्ति खरीदने और बेचने वाले लोगों पर सीधा असर डालेगा, खासकर उन लोगों पर जो फ्लैटों और व्यावसायिक संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में लगे हुए हैं। नई दरों के लागू होने से रजिस्ट्री महंगी हो जाएगी, जिससे संपत्ति बाजार पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

 

निबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैटों की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन सर्किल रेट अब भी कम बने हुए हैं। इस अंतर को समाप्त करने के लिए फ्लैटों के सर्किल रेट में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव दिया गया है। इसका अर्थ है कि खरीदारों को अब अधिक स्टांप शुल्क चुकाना होगा, जो उनके लिए वित्तीय बोझ बढ़ा सकता है।

 

सिर्फ फ्लैटों की रजिस्ट्री में ही नहीं, बल्कि गांवों और अन्य नगरीय क्षेत्रों की फ्री होल्ड संपत्तियों की रजिस्ट्री दरों में भी 25 से 50 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन खरीदने वालों को भी अधिक खर्च करना पड़ेगा। इसके अलावा, फ्री होल्ड व्यावसायिक संपत्तियों पर भी 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित है।

 

इन प्रस्तावित दरों का लागू होना रियल एस्टेट बाजार में बदलाव ला सकता है और संपत्ति खरीदारों की वित्तीय योजना पर भी असर डाल सकता है। इस प्रकार के बदलाव से पहले प्रशासन को आम जनता से फीडबैक लेना और उनकी चिंताओं को समझना आवश्यक है।

 

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