इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने इमरान पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों में से प्रमुख तोशाखाना मामले को अस्वीकार्य घोषित कर उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली है।
प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान इमरान खान पर तोहफे में मिली एक बेशकीमती कलाई घड़ी के अलावा कई महंगे सामान बेचे जाने के भी आरोप लगे हैं। पाकिस्तान में 1974 में स्थापित तोशाखाना कैबिनेट डिवीजन के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक विभाग है, जो अन्य सरकारों और राज्यों के प्रमुखों और विदेशी गण्यमान्य व्यक्तियों द्वारा शासकों, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए बहुमूल्य उपहारों को संग्रहीत करता है। आरोप था कि इमरान ने तोशाखाना में उपहार जमा कराने के स्थान पर उन्हें बेच दिया। मामले की सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने तोशाखाना मामले को ही अस्वीकार्य घोषित कर दिया। साथ ही उन्होंने इमरान खान को राहत देते हुए उनकी जमानत याचिका को मंजूरी दे दी।
इस बीच इमरान खान ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उन्हें जेल में डालने की योजना बनाई है और उनकी गिरफ्तारी से जुड़ा पूरा घटनाक्रम पूर्व नियोजित था। अपने संबोधन में इमरान खान ने अपने खिलाफ दर्ज सभी भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया। इमरान ने कहा कि देश को सच्चाई पता चलनी चाहिए। आरोप लगाया कि उन्हें झूठे और आधारहीन मामलों के आधार पर मुझे गिरफ्तार करने की योजना बनाई गई है।