मुजफ्फरनगर। माध्यमिक विद्यालय कांजी खेड़ा की इंचार्ज अध्यापिका फरहाना खातून एक गंभीर आरोप के घेरे में आ गई हैं। कक्षा 6 में पढ़ने वाले छात्र देवांश ने अध्यापिका पर उसकी शिखा (चोटी) काटने और तिलक मिटवाने का आरोप लगाया है।
मामला उस वक्त सुर्खियों में आया जब पीड़ित छात्र अपनी बहन आरती के साथ थाना तितावी पहुंचा और अध्यापिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने की मांग की।
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देवांश ने मीडिया से बातचीत में बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय कक्षा 6 का छात्र है और रोज़ाना पूजा कर तिलक लगाकर स्कूल जाता था। आरोप है कि अध्यापिका फरहाना ने उसका चौटा जबरन काट दिया और तिलक मिटाने को मजबूर किया।
देवांश का कहना है कि जब उसने इस बात की शिकायत अपनी दीदी से की और वह स्कूल आईं, तो अध्यापिका ने उनके साथ भी दुर्व्यवहार किया और अन्य छात्रों से भी उन्हें अपशब्द कहलवाए।
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देवांश की बहन आरती ने भी अध्यापिका पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मैडम उनके भाई को लगातार प्रताड़ित कर रही थीं। कभी तिलक को लेकर आपत्ति जताई जाती तो कभी चोटी को लेकर। आरती का आरोप है कि शिकायत करने पर फरहाना खातून उनके भाई को पीटती थीं और अन्य छात्रों से भी पिटवाती थीं।
उन्होंने यह भी बताया कि अध्यापिका ने छात्र की ट्रांसफर सर्टिफिकेट काट दी और कहा कि वह उसे नहीं पढ़ाएंगी।
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इन आरोपों पर इंचार्ज अध्यापिका फरहाना खातून ने मीडिया के सामने सफाई दी। उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि देवांश का हाल ही में एडमिशन हुआ था और गांव खेड़ी दूधाधेड़ी से वह स्कूल आया था।
अध्यापिका का कहना है कि देवांश की अन्य छात्रों से पहले से अनबन थी, और वह साइकिल से बच्चों को गिराता था। इसी बात को लेकर बच्चों ने उसके परिवार से शिकायत की, जिस पर उल्टा बच्चों को गालियां दी गईं।
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फरहाना का कहना है कि उनके पास स्टाफ और अन्य छात्र-छात्राओं के बयान मौजूद हैं जो उनके पक्ष को साबित करते हैं।
इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार ने खंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंप दी है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में छात्र की चोटी काटने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच के आधार पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।