Monday, May 6, 2024

मुजफ्फरनगर में मोहर्रम की पहली मजलिस में इमाम हुसैन को याद कर रोए सोगवार, मौलाना कुमैल बोले-दीन के रास्ते पर चलकर इल्म हासिल करो

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

मुजफ्फरनगर। मौलाना कुमैल असगर गाजीपुरी ने दीन की राह में इमाम हुसैन और उनके परिवार वालों की दी गई कुर्बानियों का जिक्र किया। मौलाना ने फरमाया कि दीन के रास्ते पर चलकर इल्म हासिल करना है।

इल्म यानी ज्ञान का दरवाजा हजरत अली है और इमाम हुसैन उसकी चाबी। मौलाना ने कर्बला में इमाम की शहादत का जिक्र किया तो सोगवार रोने लगे। किदवईनगर स्थित जाहिद हाल पर गुरुवार सुबह मोहर्रम की पहली मजलिस आयोजित हुई, जिसे मौलाना कुमैल असग़र गाजीपुरी ने मिम्बर-ए-रसूल से खिताब फरमाया। मौलाना ने बताया कि इमाम हुसैन ने अपने नाना का दींन बचाने के लिए कर्बला के मैदान में अपने आप और परिवार वालों को कुर्बान कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर जीवन और आखिरत यानी मौत के बाद की जिंदगी मैं सफल होना है तो ज्ञान हासिल करो, और ज्ञान सिर्फ अहलेबैत से मिल सकता है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

मौलाना ने कहा कि, “इमाम हुसैन के चरित्र को ध्यान में रख जिंदगी गुजारनी चाहिए।” उन्होंने आगे उनकी एक बात को याद करते हुए कहा कि, “किसी के गम में शरीक होने का मतलब सिर्फ इतना ही नहीं कि उनके पास बैठ जाएं। बल्कि जरूरी है कि ऐसे मौके पर उनके काम आया जाए, उनकी मुश्किल को आसान किया जाए।”

स्वर्गीय विरासत हुसैन के अज़ाखाने जाहिद हॉल पर गुरुवार सुबह हुई मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना कुमेल असगर ने कहा कि “यदि किसी व्यक्ति के घर में मौत हो जाए और वह दुखी हो तो यदि उनका कोई काम भी करना पड़े तो करो।” मौलाना कुमैल असगर ने फरमाया कि “इमाम हुसैन के चाहने वालों की कमी नहीं थी। सुबह शाम लोग उनकी जियारत (देखने वाले) के लिए खड़े रहते थे। उनके पीछे नमाज पढ़ते थे।”

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय