उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा- डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह अचानक ढह जाने से चालीस श्रमिक सुरंग के अंदर फंस गए। घटना स्थल सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान युद्धस्तर से चलाया जा रहा है। सुरंग में फंसे हुए मजदूरों तक पानी के लिए बिछाई गई पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। सुरंग से मलबा हटाने और फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एस्केप पैसेज बनाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद रेस्क्यू काय्र की इसकी मॉनीटिरिंग कर रहे हैं।
जिला अधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है। प्रशासन विभिन्न राहत और बचाव एजेंसियों और तकनीकी संगठनों, एनएचआईडीसीएल का सहयोग लेकर के बचाव अभियान संचालित कर रहा है।
डीएम ने दीपावली की छुट्टियां की रद्द –
दीपावली पर्व पर सिलक्यारा सुरंग में रविवार सुबह हुए हादसे के बाद जिलाधिकारी स्वयं देहरादून से हवाई सेवा से अवकाश से वापस आकर घटनास्थल पर पहुंच कर राहत कार्यों को तेज कर दिया है।उन्होंने जिले के सभी अधिकारियों के छुट्टियां रद्द करते हुए उन्हें तत्काल अपने-अपने कार्य स्थल पर रिपोर्ट करने औऱ राहत एवं बचाव कार्यों के लिए चौबीसों घंटे तत्पर रहने के निर्देश दिए हैं।
मौके पर डीएम अभिषेक रुहेला सहित पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह, उप जिलाधिकारी डुंडा बृजेश कुमार तिवारी,उप जिलाधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला घटना स्थल पर मौजूद हैं।
ये टीमें राहत और बचाव अभियान में जुटी हैं-
सीमा सड़क संगठन, बीआरओ की टीम ऑफिसर कमांडिंग नमन नरूला की अगुवाई में अभियान में जुटी है। जिलाधिकारी ने बीआरओ से अभियान के तकनीकी पहलुओं पर विचार विमर्श किया। भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के टीम में राहत और बचाव अभियान में जुट गई है। आईटीबीपी के असिस्टेंट कमांडेंट जाधव वैभव के नेतृत्व में आइटीबीपी की टीम मौके पर है।
इसके अलावा एनएचएआइ के सीजीएम विशाल गुप्ता भी मौके पर मौजूद हैं। एनडीआरएफ की 30 लोगों की टीम मौके पर टू आईसी रविशंकर बधानी के नेतृत्व में बचाव अभियान में जुटी है।
झारखंड उत्तर प्रदेश के बताए जा रहे अधिकांश मजदूर-
रविवार तड़के पांच बजे सुबह हुए हादसे में 36 से अधिक मजदूरों के अभी तक फंसे होने की जानकारी मिली है। 12 घंटे से अधिक समय हो चुका, लेकिन मजदूर किस स्थिति में है, अभी इसके बारे में कुछ नहीं पता चला है। बताया गया कि अधिकांश मजदूर झारखंड,उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के हैं। इनमें एक दो उत्तराखंड राज्य के भी हैं।
कंपनी के पास नहीं हैं मशीनें, देर शाम तक पहुंचेंगी मशीन-
निर्माणाधीन टनल में कार्यदायी संस्था के पास ऐसी मशीनें नहीं हैं, जिनसे किसी तरह कोई रेस्क्यू कार्य किया जा सके। कहने का मतलब कि नेशनल हाइवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड ( एनएचआइडीसीएल) के पास वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन नहीं है, जिसके लिए जिला प्रशासन ने विकास नगर के लखवाड़ से संपर्क किया जा गया है। मशीन के देर शाम तक पहुंच ने की उम्मीद है। टनल हादसे के संबंध में अपडेट देते हुए निर्माण एजेंसी नवयुग कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि टनल के अंदर 40 मजदूर फंसे हैं ।
सिलक्यारा टनल हादसे में अपडेट व सहायता के लिये हेल्पलाइन जारी-
सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिये पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी, अर्पण यदुवंशी द्वारा मौके पर पुलिस फोर्स, राहत व बचाव दलों को 24 घंटे के लिये तैनात कर दिया गया है। एसपी ने बताया गया कि टनल में फंसे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकलना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिये पुलिस बल व राहत एवं बचाव दल की टीमों को 24×7 मौके पर रेस्क्यू कार्य में जुटी रहेंगी। रेस्क्यू की अपडेट व सहायता के लिये उत्तरकाशी पुलिस की हेल्पलाइन 917455991223 भी जारी की गयी हैं।
रेस्क्यू कार्यों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी रखें हुए हैं नजर-
सिलक्यारा के पास सुरंग में हुए हादसे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं राहत कार्यों की जानकारी ले रहे हैं । उन्होंने जिलाधिकारी सहित तमाम आपदा प्रबंधन की टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि सभी मजदूर जल्द सुरक्षित निकाले।