नोएडा। विधानसभा चुनाव के समय एक रिटायर्ड कर्नल द्वारा जमा कराई गई पिस्टल थाना सेक्टर-39 थाने से गायब हो गई है। रिटायर्ड कर्नल की पिस्टल गायब होने से पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में तत्कालीन हेड मोहरीर (मालखाना) के खिलाफ धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
थाना सेक्टर-39 के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सेक्टर-39 में रहने वाले कर्नल चरणजीत सिंह (रिटायर्ड) ने वर्ष 2012 के विधान चुनाव में अपनी लाइसेंसी पिस्टल थाने में जमा कराया था। कुछ समय बाद जब उन्होंने अपनी पिस्टल वापस मांगी तो उनकी पिस्टल थाने में नहीं मिली। उन्होंने बताया कि इस बात की जांच की गई तथा जांच में पाया गया कि तत्कालीन हेड मोहरीर (मालखाना) बाबू खान की लापरवाही के चलते यह पिस्टल लापता हुई है।
उन्होंने बताया कि मौजूदा हेड मोहरीर (मालखाना) रविंद्र सिंह की शिकायत पर तत्कालीन मालखाना मोहरीर बाबू खान के खिलाफ धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। बताया जाता है कि बाबू खान दीवान से दरोगा होकर मौजूदा समय में सेवानिवृत्ति हैं।
वहीं पीड़ित चरणजीत सिंह का कहना है कि जब थाने में ही पिस्टल सुरक्षित नहीं है तो और कहां पर सुरक्षित रहेगी। उन्होंने नोएडा पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि वह 11 वर्ष से अपनी पिस्टल के लिए थाना सेक्टर-39 और अधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक उनकी पिस्टल वापस नहीं मिली है।
उन्होंने शक जाहिर किया है कि उनकी पिस्टल को पुलिसकर्मियों ने किसी आपराधिक तत्व को बेच दिया है। सहायक पुलिस आयुक्त रजनीश वर्मा ने बताया कि इस मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। उनके अनुसार दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।