Saturday, April 27, 2024

गुरुग्राम होटल हत्याकांड: मुख्य आरोपी को हथियार की आपूर्ति करने के आरोप में रोहतक निवासी गिरफ्तार

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

गुरुग्राम। गुरुग्राम पुलिस ने शनिवार को गुरुग्राम की पूर्व मॉडल और मारे गए गैंगस्टर संदीप गाडोली की प्रेमिका दिव्या पाहुजा की हत्या के मामले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने उस हथियार की कथित तौर पर आपूर्ति की थी, जिसका इस्तेमाल हत्‍या के मुख्‍य आरोपी नेे की थी। यहां एक होटल में 27 वर्षीय युवती की हत्या करने का आरोप है।

गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान रोहतक निवासी 37 वर्षीय परवेश के रूप में हुई है।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

दिव्या की कथित तौर पर 2 जनवरी को होटल सिटी प्वाइंट के मालिक अभिजीत सिंह ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, जहां वह रह रही थी।

पुलिस के अनुसार, दिव्या और अभिजीत रिश्ते में थे और अभिजीत ने गुस्से में आकर महिला की हत्या कर दी, क्योंकि उसने अपने मोबाइल फोन से उसकी कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें हटाने से इनकार कर दिया था।

मामले में नवीनतम गिरफ्तारी के बारे में बात करते हुए, सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) वरुण दहिया ने मीडियाकर्मियों को बताया: “आरोपी (परवेश) अभिजीत सिंह का ड्राइवर और पीएसओ था। पूछताछ के दौरान, परवेश ने खुलासा किया कि उसे हथियार रखने का शौक था और वह इस मामले में अभिजीत को तीन पिस्तौल और कुछ जिंदा कारतूस दिए थे। एक पिस्तौल और दो जिंदा कारतूस परवेश के कब्जे से बरामद किए गए, जबकि दो पिस्तौल और 40 जिंदा कारतूस दिल्ली से बरामद किए गए। परवेश के खिलाफ हत्या के प्रयास, डकैती और आर्म्स एक्ट के जैसे अपराधों के लिए पहले से ही लगभग छह मामले दर्ज हैं।”

लेकि‍न पुलिस को अभी तक ‘हत्या का हथियार’ बरामद नहीं हुआ है, जिसे कथित तौर पर अभिजीत ने दिव्या की हत्या के बाद फेंक दिया था।

इस बीच, अभिजीत के साथी बलराज गिल, जिसे 11 जनवरी को पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार किया गया था, ने ट्रांजिट रिमांड के दौरान खुलासा किया कि वह और मुख्य आरोपी कॉलेज के दौरान दोस्त थे और हिसार में एक साथ पढ़ते थे।

दहिया ने कहा,”दिव्या की हत्या करने के बाद, अभिजीत ने बलराज और रवि बंगा से संपर्क किया था और दिव्या के शव को ठिकाने लगाने के लिए शायद 12 लाख रुपये और एक बीएमडब्ल्यू कार दी थी। दोनों 2 जनवरी की रात को बीएमडब्ल्यू कार की डिक्की में महिला के शव के साथ गुरुग्राम से चले गए और 3 जनवरी को उन्होंने शव को पटियाला में भाखड़ा नहर में फेंक दिया और 12 लाख रुपये (नकद) के साथ बीएमडब्ल्यू कार को पटियाला बस स्टैंड पर पार्क कर दिया, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया।”

गिरफ्तारी से बचने के लिए, बलराज और रवि एक टैक्सी में भिवानी, जयपुर और उदयपुर गए और वहां से उन्होंने कानपुर के लिए बस ली, जहां से वे ट्रेन से कोलकाता गए।

कोलकाता पहुंचने के बाद बलराज और रवि ने अपने रास्ते अलग कर लिए। बाद में बलराज को 11 जनवरी को कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया।

इस बीच, दिव्या का जो शव बरामद हुआ है, उसकी पहचान उसके परिवार ने की। पुलिस ने कहा कि जल्द ही पोस्टमॉर्टम किया जाएगा और फिर शव को गुरुग्राम लाया जाएगा और दिव्या के परिवार को सौंप दिया जाएगा।

पेशे से वकील बलराज गिल, अभिजीत के करीबी दोस्त थे, जबकि अमित बंगा उनका घरेलू सहयोगी था।

2 जनवरी से दिव्या के शव के साथ फरार हुए बलराज और अमित की तलाश में गुरुग्राम पुलिस की पांच टीमें लगी हुई थीं।

एक टीम पंजाब पुलिस, स्थानीय गोताखोरों, एनडीआरएफ की 25 टीमों और एसडीआरएफ की मदद से दिव्या के शव की तलाश कर रही थी।

एसीपी दहिया ने कहा, “पुलिस ने शव की तलाश के लिए बखरा नहर का करीब 150 किलोमीटर तक स्कैन किया।” दिव्या के शव की पहचान उसकी पीठ पर बने टैटू से हुई।

साथ ही बलराज गिल की गिरफ्तारी के बाद शव को ठिकाने लगाने के बारे में भी सुराग मिला।

दिव्या की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक मुख्य आरोपी अभिजीत सिंह, उसके सहयोगी ओम प्रकाश, हेमराज, बलराज गिल, परवेश और एक महिला मेघा समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है।

महिला ने अभिजीत को छिपने, हत्या के हथियार, दस्तावेज और दिव्या के निजी सामान को फेंकने में मदद की थी।

ओम प्रकाश और हेमराज ने अभिजीत को दिव्या के शव को बीएमडब्ल्यू कार के बूट में खींचने में मदद की थी।

बाद में बलराज और रवि शव लेकर भाग गए। मेघा ने पुलिस को बताया कि जब वह 2 जनवरी को होटल पहुंची तो उसने दिव्या का शव देखा।

फिर अभिजीत ने उससे द‍िव्‍या के सामान को ठिकाने लगाने के लिए कहा, लेकिन वह उसके निर्देशों का पालन करने से बहुत डर रही थी।

पूछताछ के दौरान अभिजीत ने पुलिस को बताया कि दिव्या उसे ब्लैकमेल करती थी और पैसे भी वसूलती थी।

दिव्या जेल में बंद गैंगस्टर बिंदर गुज्जर के जरिए अभिजीत के संपर्क में आई।

बिंदर गुज्जर को 2016 में मुंबई में हुई गुरुग्राम पुलिस के साथ गैंगस्टर संदीप गाडोली की कथित “फर्जी मुठभेड़” का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है। दिव्या इस मामले में मुख्य आरोपी थीं।

बाद में, उसे गैंगस्टर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया गया और उसने सात साल जेल में बिताए। उन्हें पिछले साल जून में बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी।

दिव्या के परिवार का आरोप है कि उसकी हत्या की साजिश अभिजीत के साथ मिलकर संदीप गाडोली के परिवार वालों ने रची थी।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,237FansLike
5,309FollowersFollow
47,101SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय