कराची। पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले कराची में पिछले कुछ दिनों में चुनावी हिंसा बढ़ गई है। इस वजह से राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभा सीटों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे दलों के बीच पहले से ही कई झड़पें हो चुकी हैं।
ताजा घटनाक्रम में सोमवार को नाजिमानाड में हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के कार्यकर्ताओं के साथ गोलीबारी के दौरान मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम पाकिस्तान) के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। इससे एक दिन पहले रविवार को क्लिफ्टन इलाके में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की एक चुनावी रैली पर पुलिस की भारी टुकड़ियों ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले दागे और जबरन तितर-बितर कर दिया। इस उपद्रव में कुछ पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 25 लोग घायल हो गये।
दक्षिणी सिंध प्रांत, विशेष रूप से कराची – जो पाकिस्तान का वित्तीय केंद्र भी है, पर पीपीपी के गढ़ को एक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि आगामी चुनावों में विभिन्न पार्टियां जमकर प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। बिलावल जरदारी-भुट्टो के नेतृत्व वाली पीपीपी की सिंध और कराची पर पकड़ तब भी बनी हुई है, जब खान के नेतृत्व वाली पीटीआई ने 2018 में पिछले चुनावों में सरकार बनाई थी और अविश्वास प्रस्ताव के बाद 2022 में शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के गठन के दौरान भी पीटीआई शासन को समाप्त कर दिया।
पूर्व निर्वाचित एमक्यूएम सदस्यों और उससे अलग हुए समूहों के साथ-साथ स्वतंत्र उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ रहे पीटीआई सदस्यों की भागीदारी से कराची में चुनाव पूर्व हिंसा तेज हो गई है। पिछले सप्ताह चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में पीपीपी, पीटीआई और एमक्यूएम-पी के समर्थकों के बीच झड़प की खबरें सामने आई हैं।