गाजियाबाद। आर्य समाज का वार्षिकोत्सव सोल्लास संपन्न हुआ। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि भगवा हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है।यह तप, त्याग और बलिदान का प्रतीक है।जब व्यक्ति पक जाता है और आयु के तीसरे चरण में सन्यास लेता है तब सन्यास के योग्य बनता है।य़ह पुरातन काल से चली आ रही व्यवस्था है इसे किसी वर्ग विशेष या संस्था से जोड़ा नहीं जा सकता। उन्होंने जोर देकर कहा कि समय की मांग है हिन्दू समाज जात पात से ऊपर उठकर संगठित हो तभी राष्ट्र सुरक्षित रहेगा।यज्ञ और योग से सभी को जोड़ा जा सकता है।
मुजफ्फरनगर के रेडिएंट इन होटल में शादी समारोह में दुल्हन पर चाकू से हमला, आरोपी गिरफ्तार
वैदिक विद्वान डॉ. महेश विद्यालंकार ने कहा कि यह उत्सव हमें कर्तव्य बोध व जगाने के लिए आते हैं हम जागरूक हों और अपने जीवन का निर्माण करें।
आर्य नेता आर्य रविदेव गुप्ता ने कहा कि आर्य समाज को ज़न आंदोलन बनाने के लिए आम व्यक्ति की समस्याओं से जुड़ना होगा।रविन्द्र आर्य व अनिल कवर ने कुशल संचालन किया।
संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द शामिल किए जाने के खिलाफ याचिकाएं खारिज
आचार्य विद्या प्रसाद मिश्र,आचार्य उर्वशबुद्ध जयपुर, बीजेपी नेता अनिल शर्मा आदि ने भी अपने विचार रखे।सूर्यपाल सिंह,ओम प्रकाश अरोड़ा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। प्रमुख रूप से प्रकाशवीर शास्त्री, ओम प्रकाश यजुर्वेदी,एस पी सिंह, कमांडर पी सी बक्शी, हरिचंद,सुरेन्द्र गुप्ता, महावीर सिंह आर्य, शशि कांत, अजय खट्टर, स्वदेश शर्मा आदि उपस्थित थे।