Tuesday, April 15, 2025

सिख दंगा : सरस्वती विहार के मामले में सज्जन कुमार दोषी करार, सजा 18 फरवरी को 

नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार दिया है। स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने सज्जन कुमार की सजा पर 18 फरवरी को फैसला सुनाने का आदेश दिया। कोर्ट ने 31 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

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यह मामला एक नवंबर, 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी। शाम को करीब चार-साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने इनके राज नगर इलाके में स्थित घर पर लोहे की सरियों और लाठियों से हमला कर दिया। शिकायतकर्ताओं के मुताबिक इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे।

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शिकायत के मुताबिक सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया। भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को भी अंजाम दिया। शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149, 395, 397, 302, 307, 436 और 440 की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

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