अयोध्या। अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि पर निर्मित मंदिर में आगामी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा। इसके बाद मंदिर देश-दुनिया के भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। इसे लेकर संघ परिवार ने व्यापक योजना तैयार किया है। राम मंदिर अयोध्या में उद्घाटन की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। आगामी 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राम मंदिर का उद्घाटन होना तय हुआ है। इसके लिए प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त का समय भी तय कर लिया गया है। इतना ही नहीं, संघ परिवार ने देश भर में राम मंदिर को लेकर होने वाले कार्यक्रमों की रुपरेखा को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। आगामी 22 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद अभिजीत मूहूर्त में मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।
इस समारोह को अंतरराष्ट्रीय स्वरुप देने के लिए संघ परिवार में बैठकों का दौर जारी हो गया है। समारोह को अभियान का रूप दिया जाएगा और इसे चार चरणों में चलाने की योजना है। इसका पहला चरण 19 नवंबर से शुरू कर दिया गया है जो आगामी 20 दिसंबर तक चलाया जाएगा। इसे लेकर समारोह की कार्ययोजना को अंतिम रुप दिया जा रहा है। इसके लिए छोटी-छोटी संचालन समिति बनाई जा रही है। जिला और खंड स्तर पर दस-दस लोगों की टोली बनाई जाएगी।
मंदिर आंदोलन के कारसेवक भी होंगे शामिल
दस-दस लोगों की टोलियों में मंदिर आंदोलन के कारसेवकों को विशेष रूप से शामिल करने की योजना है। यह टोलियां 250 स्थानों पर बैठकें करके समारोह में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने की अपील करेंगी। दूसरा चरण एक जनवरी में शुरू करने की योजना है। इसमें घर-घर संपर्क किया जाएगा और दस करोड़ परिवारों को पूजित अक्षत, रामलला के विग्रह का चित्र और पत्रक दिया जाएगा। इसी के साथ लोगों से आगामी 22 जनवरी को देश भर में दीपोत्सव मनाने की अपील भी की जाएगी।
तीसरा चरण की शुरुआत
22 जनवरी जिस दिन प्रधानमंत्री द्वारा प्राण प्रतिष्ठा किया जाना है, उसे तीसरे चरण में रखा गया है। उस दिन देश भर में दीपोत्सव, घर-घर अनुष्ठान आदि की योजना बनाई गई है। चौथे चरण में देशभर के रामभक्तों को अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया जाएगा। चौथा चरण गणतंत्र दिवस से शुरू होकर अगले महीने 22 फरवरी तक चलाने की योजना है। सभी कार्यक्रमों और अभियानों की रुपरेखा को प्रांतवार तैयार किया जा रहा है। अवध प्रांत के कार्यकर्ताओं को 31 जनवरी और एक फरवरी को दर्शन के लिए आमंत्रित किया जाएगा।