भोपाल- लगभग सप्ताह भर की विदेश यात्रा से लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आगामी लोकसभा चुनाव के साथ ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का प्रचार का आगाज करते हुए न केवल चुनावों के मुद्दे स्पष्ट किए, बल्कि समान नागरिक संहिता से लेकर कर्जमाफी और विपक्ष की एकजुटता तक के मुद्दों पर समूचे विपक्ष को एक-एक कर निशाने पर ले लिया।
आज एकदम अलग रंग में दिखे श्री मोदी चुनावों के पूर्व पार्टी के 10 लाख से भी ज्यादा बूथों और 12 हजार मंडलों पर जुटे भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं को डिजिटल रैली के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। भाजपा के ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ अभियान के तहत देश भर से चयनित होकर भोपाल आए लगभग तीन हजार बूथ कार्यकर्ताओं को आमने-सामने संबोधित करते हुए उन्होंने कार्यकर्ताओं को सीख दी कि वे सारे मतभेद भुला कर सिर्फ ‘कमल’ निशान पर ध्यान केंद्रित रखें। आयोजन में पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा भी उपस्थित रहे।
लगभग दो घंटे के अपने संबोधन में श्री मोदी ने बेहद सीधे और सपाट शब्दों में देश के मुस्लिम समाज और बुद्धिजीवियों का भी आह्वान किया। उन्होंने समूचे देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लाए जाने का ये कहते हुए संकेत दिया कि उच्चतम न्यायालय इस बारे में बार-बार जोर दे रहा है। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि एक ही घर में परिवार के एक सदस्य के लिए अलग और दूसरे के लिए अलग नियम कैसे हो सकते हैं। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर सीधे मुस्लिम समाज को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि यूसीसी पर कौनसे राजनीतिक दल उन्हें भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी क्रम में उन्होंने तीन तलाक का विरोध करने वालों को भी निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक से नुकसान का दायरा बहुत बड़ा है। इससे पूरे परिवार प्रभावित होते हैं, लेकिन वोट बैंक के भूखे लोग इसकी वकालत कर रहे हैं। मुसलमान बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटका कर कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं।
पिछले दिनों पटना में हुई कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की बैठक को लेकर भी श्री मोदी ने समूचे विपक्ष को निशाने पर ले लिया। उन्होंने कहा कि इनकी ‘गारंटी’ सिर्फ घोटाले की है और ये सब अपने खिलाफ होने वाली कार्रवाइयों से बचने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने एक-एक कर विपक्षी दलों का नाम लेते हुए उनके कथित घोटालों का जिक्र किया और उन पर हजारों करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दलों की घोटाले की गारंटी है, तो उनकी (श्री मोदी के स्वयं की) भी एक गारंटी है, हर घोटालेबाज पर कार्रवाई की।
उन्होंने विपक्ष पर परिवारवाद के बहाने तीखा हमला बोला। कांग्रेस के गांधी परिवार के अलावा नेशनल कांग्रेस के फारुक अब्दुला, समाजवादी पार्टी के स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव, द्रमुक के एम करुणानिधि, राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव, एनसीपी के शरद पंवार और भारत राष्ट्र समिति के के चंंद्रशेखर राव के कथित परिवारवाद को लेकर भी उन पर हमले बोले। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर किसी को इन पार्टियों के मुखियाओं के परिवार का भला करना हो तो इन्हें वोट दीजिए और अगर व्यक्ति को अपने परिवार का भला करना हो तो वह भाजपा को वोट दे।
श्री मोदी ने मध्यप्रदेश समेत पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस की कर्जमाफी योजना को लेकर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की एक ही नीति थी पहले किसानों को संकट में पड़ने दो, फिर कर्जमाफी के नाम पर वोट की फसल काटो। ये उनका तरीका है। उन्होंने कहा कि 10 साल में कांग्रेस ने कुछ हजार करोड़ रुपए की कर्ज माफी का ऐलान किया लेकिन असली किसानों को यह लाभ कभी पहुंचा ही नहीं।
उन्होंने बेहद गंभीर अंदाज में इस बात पर भी जोर दिया कि कुछ दल तुष्टिकरण की राजनीति के रास्ते पर चलते हैं, जबकि भाजपा संतुष्टिकरण में विश्वास रखती है। उन्होंने कहा कि भाजपा मानती है कि देश के भले से सबका भला होगा, इसलिए भाजपा ने तय किया कि तुष्टिकरण के रास्ते पर नहीं चलना है। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण का रास्ता कुछ दिन फायदा दे सकता है, पर देश के लिए महाविनाशक है। ये विकास रोक कर भेदभाव पैदा करता है।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि तुष्टिरण वाली गंदी सोच ने कुछ राज्यों के लोगों के बीच खाई पैदा कर दी। उन्होंने अपने वक्तव्य के समर्थन में उत्तरप्रदेश, बिहार, दक्षिण भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना की असंख्य जातियों के नाम गिनाते हुए कहा कि इन प्रदेशों में कुछ जातियों को पूरी तरह उपेक्षित कर दिया गया और उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित रखा।
पार्टी के बूथ कार्यकर्ताओं को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता सिर्फ ‘कमल’ निशान को अपना प्रत्याशी मान कर चलें। उन्होंने देश भर के बूथ कार्यकर्ताओं के सवालों के जवाबों का उत्तर देते हुए कार्यकर्ताओं की अहमियत को भी बार-बार प्रतिपादित किया। उन्होंने कहा कि हर सफल नीति के पीछे बूथ कार्यकर्ताओं का दिया गया फीडबैक होता है। इस दौरान अलग-अलग राज्यों के बूथ कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री से प्रश्न किए, जिनके प्रधानमंत्री ने बेहद तसल्ली से उत्तर दिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा उन दलों में नहीं है, जो वातानुकूलित कमरों में बैठ कर दल चलाते हैं। भाजपा हर मौसम में जनता के बीच होती है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को सेवा कार्यों के कई उदाहरण देते हुए कहा कि बूथ सेवा का पर्याय होने चाहिए।
इसके पहले बूथ कार्यकर्ताओं के इस सम्मेलन को पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने भी संबोधित किया।
श्री मोदी ने आज ही इस कार्यक्रम के पहले देश को पांच वंदेभारत ट्रेनों की भी भोपाल से सौगात दी। श्री मोदी ने राजधानी भोपाल से इंदौर के बीच चलने वाली वंदेभारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने इसके पहले ट्रेन का अवलोकन करते हुए रानी कमलापति स्टेशन से ट्रेन में सवार होने वाले स्कूली बच्चों से मुलाकात की और बच्चों द्वारा वंदेभारत ट्रेन के लिए बनाईं गईं पेंटिंग्स का भी अवलोकन किया।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार ये वंदे भारत एक्सप्रेस भोपाल (रानी कमलापति)- इंदौर, भोपाल (रानी कमलापति)-जबलपुर, रांची-पटना, धारवाड़-बेंगलुरु और गोवा(मडगांव)-मुंबई के बीच चलाई जाएंगी। गोवा, बिहार और झारखंड को पहली बार वंदे भारत ट्रेन कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।
इसके पहले प्रधानमंत्री वायुसेना के विशेष विमान से आज सुबह लगभग दस बजे राजधानी भोपाल के राजा भोज विमानतल पर पहुंचे। श्री मोदी को हवाईअड्डे से विशेष हेलीकॉप्टर से बरकतुल्ला विश्वविद्यालय परिसर में बनाए गए हेलीपेड पर पहुंचना था और वहां से उन्हें सड़क मार्ग से नजदीक ही स्थित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन ले जाने का कार्यक्रम था, लेकिन बारिश के कारण हेलीकॉप्टर से जाने की बजाए श्री मोदी को सड़क मार्ग से रानी कमलापति स्टेशन ले जाया गया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी को आज अपने एक दिवसीय मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान राजधानी भोपाल से शहडोल भी जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। प्रधानमंत्री का अब आगामी एक जुलाई को शहडोल आगमन होगा।