Sunday, November 24, 2024

संजीव बालियान ‘जाट चौधरियों’ के बारे में बोले तो जूते छोड़कर भागना पड़ेगा, पूर्व मंत्री पर भड़क गए मांगेराम त्यागी

मुजफ्फरनगर: पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के बयान ने एक बार फिर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने हाल ही में बिरादरियों के ‘पेड ठेकेदारों’ से सतर्क रहने और जातिवादी संगठनों को मुजफ्फरनगर से बाहर निकाल कर गंगा में फेंकने की बात कही थी, जिस पर विभिन्न समुदायों से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

बालियान के इस बयान पर त्यागी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने सख्त आलोचना करते हुए कहा कि बालियान समाज में विभाजन और कटुता का बीज बो रहे हैं।

मांगेराम त्यागी ने तंज कसते हुए कहा, “संजीव बालियान का यह बयान न केवल समुदायों के बीच खाई पैदा करने का प्रयास है, बल्कि उनकी अपनी पार्टी भाजपा को भी नुकसान पहुंचाने की साजिश है।

उन्होंने कहा कि जिस मुजफ्फरनगर को चौधरी चरण सिंह ने जातिगत विभाजन से ऊपर उठाकर जाट समाज को जागरूक किया, उसी मुजफ्फरनगर में अब संजीव बालियान जातियों को निशाना बना रहे हैं। यह न केवल जाट समाज बल्कि अन्य जातियों का भी अपमान है।” उन्होंने कहा कि जाट चौधरियों के बारे में अगर संजीव बालियान ऐसा बोल देंगे तो जूते छोड़कर भागना पड़ जायेगा।

त्यागी ने आगे कहा कि बालियान की यह बयानबाज़ी भाजपा के लिए आत्मघाती साबित हो सकती है। “इस तरह के बयान देने से बालियान न केवल भाजपा को कमजोर कर रहे हैं, बल्कि विभिन्न जातियों के बीच सौहार्द्र को भी बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह बयान उनके लिए राजनीतिक रूप से भारी पड़ सकता है ।

उन्होंने कहा कि त्यागी समाज इस मसले पर जल्द ही एक बैठक बुलाने की योजना बना रहा है, जिसमें बालियान के बयान के खिलाफ कड़े कदम उठाने और उनकी निंदा करने का निर्णय लिया जाएगा।

मांगेराम त्यागी ने यह भी स्पष्ट किया कि समाज किसी भी नेता द्वारा किए गए जातिगत भेदभाव और समाज में नफरत फैलाने की साजिश का कड़ा विरोध करेगा।

त्यागी ने कहा, “हमें जातिवाद से ऊपर उठकर एकता की दिशा में काम करने की जरूरत है, न कि इस तरह के विभाजनकारी बयानों से समाज को बांटने की। संजीव बालियान को अपनी भाषा और विचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए, वरना उनकी ही पार्टी को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।”

त्यागी समाज के इस कड़े रुख से यह साफ है कि संजीव बालियान का बयान न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी उन्हें भारी पड़ सकता है।

अब देखना होगा कि बालियान इस विवाद को कैसे संभालते हैं और भाजपा नेतृत्व इस पर क्या रुख अपनाता है।

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