Friday, October 18, 2024

हैल्दी रहने के लिए बुरी आदतों को करें बाय

हैल्दी तो सभी रहना चाहते हैं पर कुछ न कुछ हमारी ऐसी कमजोरियां होती हैं जो हम पर हावी रहती हैं। हम कुछ न कुछ ऐसा खाते रहते हैं या कुछ हमारी आदतें ऐसी होती हैं जो हमें चुस्त नहीं बनाती। उसी कारण उनका हमारी सेहत पर प्रभाव पड़ता है। हर किसी में कोई न कोई बुरी आदत होती है जिसे छोड़ना उनके लिए मुश्किल होता है अगर हम समय रहते गलत आदतों के प्रति जागरूक हो जाएं तो हम अपनी सेहत बढ़िया रख सकते हैं।
अधिक समय टीवी देखते हुए बिताना:-
एक सर्वेक्षण के अनुसार 2 घंटे से अधिक समय तक लगातार बैठ कर टीवी देखने वालों को टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे का खतरा काफी बढ़ जाता है। टीवी देखते समय जंक फूड खाने का मजा आता है और उस समय हमें क्वांटिटी का भी अंदाजा नहीं रहता। परिणाम श्ंारीर में कैलोरीज की मात्रा अधिक चली जाती है। उससे शरीर मोटा होता है और लगातार बैठे रहने के कारण शरीर में शिथिलता बढ़ जाती है जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
क्या करें:-
टीवी देखने का समय कम करें और प्रोग्राम कुछ अंतराल के बाद देखंे। टीवी देखते समय सूक्ष्म क्रियाएं हाथों, पैरों, कंधों व गर्दन की कर सकते हैं। उस समय सब्जी छीलना, काटना आदि भी कर सकते हैं। ब्रेक में उठकर इधर उधर चलें ताकि शरीर सक्रिय बना रहे। टीवी देखते समय अगर ज्यादा भूख लगी है तो कटोरी या प्लेट में सीमित मात्रा में स्नैक्स रखें ताकि अधिक खा ही न पाएं। प्रयास कर टीवी देखते समय न खाएं। यह सबसे बेहतर है।
नाश्ता न करना:-
प्रातः नाश्ता न करना बुरी आदत है जिसका सीधा प्रभाव शारीरिक और मानसिक ऊर्जा पर पड़ता है। नाश्ता हमारे शरीर के लिए ईंधन का काम करता है जिससे हम दिन भर ऊर्जावान रहते हैं औंेर मन प्रसन्न भी रहता है। नाश्ता न करने का एक और नुकसान है इससे हमारे शरीर का मेटाबालिज्म धीमा हो जाता है। जिससे वजन बढ़ने लगता है। नाश्ता न करने से हम लंच में भूख से अधिक खा लेते हैं जिससे शरीर में सुस्ती आ जाती है।
क्या करें:-
प्रातः स्कूल, कालेज, आफिस जाते समय घर से नाश्ता अवश्य करके जाएं। घर रहने वाली महिलाओं के लिए प्रातः नाश्ता करना उतना ही जरूरी है जितना घर से बाहर जाने वालों के लिए। शुरूआत आप ब्रेड जैम, ब्रेेड बटर, कार्नफ्लेक्स, ओट्स, दूध, दलिया से कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त इडली, ढोकला, सब्जियों से भरा फुल्का या परांठा ले सकते हैं। ऐसा करने से दोपहर तक आपकी भूख शांत रहेगी और आप ओवरइटिंग से बच जाएंगे। शरीर में शुगर लेवल नार्मल रहने से मूड भी ठीक रहेगा।
प्रातः देर तक सोना:-
अधिकतर यंग जनरेशन वाले बच्चे देर तक सोने के आदी हैं, उन्हें समझना चाहिए देर तक सोने से शरीर में कार्टिसोल नामक हार्मोन्स पैदा होते हैं जो कई गंभीर समस्याओं को जन्म देते हैं। देर तक सोने से सिरदर्द, चक्कर आना, पीठ दर्द, काम या पढ़ाई में ध्यान न लगना जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। धीरे धीरे कई अन्य समस्याएं भी शरीर को घेर लेती हैं।
क्या करें:-
रात्रि में जल्दी सोने और प्रातः जल्दी उठने की आदत डालें। रात्रि में अलार्म लगाएं ताकि जल्दी उठा जा सके। रात्रि में टीवी देर तक न देंखे, न ही मोबाइल और कंप्यूटर का प्रयोग करें जिससे जल्दी सो सकते हैं।
स्नैकिंग का अधिक सेवन करनाः-
हर समय कुछंन कुछ खाते रहने की आदत खराब होती है। इसके कारण वजन बढ़ सकता है, शरीर सुस्त हो सकता है, धीरे धीरे आप ओवरईटिंग की गिरफ्त में आकर दिल और डायबिटीज की समस्याओं से जूझ सकते हैं। एकदम फॉस्ट फूड छोड़ना तो कठिन है। धीरे धीरे पहले एक दिन छोड़कंर, फिर दो दिन छोड़ कर इसी प्रकार अंतराल बढ़ाते जाएं। धीरे धीरे इतना कम कर दें कि मजबूरी में ही इसका सेवन करना पड़े। सलाद, फल, सूखे मेवे स्नैक्स  में खा सकते हैं।
क्या करें:-
अपने आप पर नियंत्रण पाने के लिए तब तक न खाएं जब तक भूख न लगे। भूख लगने पर पौष्टिक स्नैक्स ही लें ताकि शरीर में पौष्टिकता की कमी न आए। गुस्से, तनाव या दुखी होने पर खाने पर जोर न दें, ध्यान को अन्य जगह पर लगाएं।
पेनकिलर्स का अधिक प्रयोग न करेंः-
कुछ लोग थोड़ा से दर्द होने पर पेन किलर्स का प्रयोग आसानी से कंर लेते हैं। अधिक पेन किलर्स का सेवन अल्सर, हाई ब्लड प्रेशर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं को निमंत्राण देता हे। इसलिए बहुत जरूरत होने पर ही पेन किलर का सेवन करें। हर समय दर्द से राहत के लिए पेनकिलर न खाएं।
क्या करें:-
पेनकिलर के स्थान पर कुछ घरेलू नुस्खे या अन्य तरीके अपनाएं। कंट्रोल न होने पर ही दवा का सेवन करें। दर्द का कारण जानने का प्रयास करें।
गुस्से, स्टेªस में रहना खतरनाक:-
जिन लोगों की जीवनशैली गड़बड़ है तो ऐसे लोग चिड़चिड़े, तनावग्रस्त, गुस्से और हड़बड़ाहट में रहते हैं।  यह गलत आदत उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है।  लगातार ऐसे रहने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और पाचन तंत्रा पर भी प्रभाव पड़ता है। ज्यादा स्टेªस में रहने से हार्मोन्स शरीर में ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को प्रभावित करते हैं।
क्या करें:-
डींप ब्रीदिंग का अभ्यास करेें, योग करें, मेडिटेशन करें। ताकि अपनी भावनाओं पर काबू पा सकें। अपनी सोच को सकारात्मक बनाएं। स्टेªस, गुस्से पर स्वयं को ही काबू पाना होता हे। पूरा प्रयास कर स्वभाव को कंट्रोल में रखें। तनाव देने वाली और गुस्सा दिलाने वाली परिस्थितियों से बच कर रहें।
/ नीतू गुप्ता

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