नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है, विशेष रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय के कामकाज पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने यूपी सरकार के वकील को फटकार लगाई है और यह कहा है कि उनके आदेशों का पालन उत्तर प्रदेश में ठीक से नहीं हो रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएम कार्यालय से संबंधित अधिकारियों के नाम बताने के लिए कहा है और यह भी स्पष्ट किया है कि इस बार वह इसे हल्के में नहीं लेंगे। जस्टिस एस ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने यह कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 14 अगस्त तक एफिडेविट के साथ संबंधित अधिकारी का नाम बताने का निर्देश दिया है।