लखनऊ। क्रॉप वेदर वॉच ग्रुप की बैठक डा. संजय सिंह, महानिदेशक, उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद की अध्यक्षता में बुधवार को हुई। इसमें आंचलिक भारतीय मौसम विज्ञान केन्द्र, अमौसी, लखनऊ, कृषि विश्वविद्यालयों के मौसम वैज्ञानिक एवं फसल वैज्ञानिकों, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन विभाग; मत्स्य विभाग; गन्ना विभाग तथा परिषद के अधिकारियों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
इस बैठक में आगामी एक सप्ताह तक के मौसम को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने सलाह दी कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में लम्बी अवधि की धान की प्रजातियों यथा स्वर्णा (एम.टी.यू. 7029), सांभा महसूरी (वी.पी.टी. 5204), शियाट्स धान-3 व महसूरी की सामान्य व संडा विधि से रोपाई के लिये नर्सरी 20 से 30 मई तक अवश्य डाल दें। इसके साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई से पहले मृदा परीक्षण अवश्य करायें।
वैज्ञानिकों ने कहा कि धान की रोपाई वाले प्रक्षेत्रों में हरी खाद के लिए सनई की 80-90 किग्रा. एवं ढैंचा 60 किग्रा. बीज प्रति हेक्टेयर की दर से बुआई करें। अधिक उत्पादन तथा मृदा उत्पादकता को स्थाई बनाने और अभिवृद्धि हेतु इस पर बल दिया जाय। खरीफ फसलों की बुवाई से पूर्व बीज शोधन अवश्य करें। धान के बीज को ट्राइकोडर्मा हरजियेनम की 4 से 6 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से शोधित करके बोयें।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान एवं उपग्रह से प्राप्त चित्रों के विश्लेषण के अनुसार उत्तर प्रदेश के पश्चिम, पूर्वी, मध्य एवं बुंदेलखण्ड के सभी जलवायुवीय क्षेत्रों में मौसम इस प्रकार रहने की संभावना है। सप्ताह के पहले दिन (17 मई, 2023) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में धूल भरी आंधी एवं गरज चमक के साथ छिट-पुट वर्षा होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त अन्य दिनों में पश्चिमी, पूर्वी, मध्य एवं बुंदेलखण्ड अंचलों में आसमान मुख्यतः साफ रहेगा। अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में पहले 03 दिनों के दौरान कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। इसके उपरांत अगले दो दिनों (20 एवं 21 मई, 2023) में प्रदेश के सभी अंचलों में तापमान में 2 से 3 डिग्री सेटीग्रेट वृद्धि होने की संभावना है, जिसके कारण बुंदेलखण्ड, विन्धयन क्षेत्र एवं आस-पास के जिलों में लू चलने की संभावना है।