मुजफ्फरनगर। एसडी कॉलेज मार्किट के लम्बे समय से चल रहे विवाद में अब एसडी एसोसिएशन ने आक्रामक रूख अख्तियार करते हुए अधिशासी अधिकारी से उनसे नोटिस देने का आधार ही पूछ लिया है और ये भी पूछा है कि आखिर उन्होंने किस अधिकार से नोटिस दिया है ?
बिल्डिंग को अवैध रूप से बनाए जाने के प्रकरण को लेकर चल रहे विवाद में एसडी कॉलेज एसोसिएशन को एक बार फिर विगत 6 फरवरी को पालिका ईओ द्वारा नोटिस भेजा गया था, जिसको लेकर एसडी कॉलेज एसोसिएशन के अधिवक्ता ने ईओ को जवाब भेजते हुए सवाल उठाया है कि उक्त नोटिस किस अधिकार से दिया गया है। उन्होंने प्रशासन की कार्यवाही पर भी सवाल उठाया।
एसोसिएशन के अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंघल ने बताया कि जो पत्र अधिशासी अधिकारी नगरपालिका परिषद् को भेजा गया था, वह गत 31 जनवरी के क्रम में भेजा गया था। उन्होंने कहा कि यह केवल विस्तृत उत्तर प्रस्तुत करने के लिए क्वेरी है। उन्होंने कहा कि नोटिस के माध्यम से अधिशासी अधिकारी से यह पूछा गया है कि आपके द्वारा लीज डीड द्वारा 12 मई 1952 द्वारा गाठा संख्या 819 व 820 संस्था को देना कथित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जो संस्था के पास लीज डीड 12 मई 1952 की है, वह गाटा सं.-619 व 820 की नहीं है, जिसके लिए लीज डीड की प्रति पेश करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि जिसके लिए हमारे द्वारा विलेख का क्रमांक 1516. 1517 बही नं.-1 बता दिया है, जो मात्र 270 वर्ग फिट की है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा अधिशासी अधिकारी से उनके अधिकारों के बारे में जानकारी ली गई है कि नोटिस और मांगा गया उत्तर किस अधिनियम के किस प्रावधान में है, ताकि उसकी आवश्यकताओ के अनुरूप उत्तर दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि सभी प्रश्नों का उत्तर देने के लिए एक माह का समय मांगा गया है।
श्री सिंघल ने बताया कि एसडी. कालेज एसोसिएशन का प्रश्नगत सम्पत्ति का स्वामित्व अभिलेखों के अनुसार पूर्णत: स्पष्ट है, जिसमें लेशमात्र भी संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि अभिलेख सहित विस्तृत उत्तर अधिकारिता स्पष्ट होने के बाद अविलम्ब प्रस्तुत किया जायेगा।