नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय अमेरिकी रिसर्च संस्था ‘हिंडनबर्ग’ की अडानी समूह की कंपनियों से संबंधित हालिया रिपोर्ट के पीछे कथित ‘आपराधिक साजिश’ की जांच के लिए केंद्र सरकार और सेबी को निर्देश देने की मांग वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवायी करेगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ , न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा और अधिवक्ता विशाल तिवारी की याचिकाओं पर शीघ्र सुनवायी की गुहार स्वीकार करते हुए उन मामलों को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
श्री तिवारी से पीठ के समक्ष ‘विशेष उल्लेख’ के दौरान अपनी याचिका पर शीघ्र सुनवायी करने की गुहार लगायी थी। पीठ ने उनकी याचिका को श्री शर्मा की याचिका के साथ सुनवायी के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
याचिकाओं में ‘हिंडनबर्ग’ रिपोर्ट के पीछे आपराधिक साजिश की आशंका व्यक्त करते हुए दावा किया गया है कि इसकी वजह शेयर बाजार अचाक नीचे गिरा, जिससे निवेशकों का भारी नुकसान हुआ।
अधिवक्ता शर्मा ने अपनी याचिका में दावा किया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च के नैट एंडरसन और उनकी भारतीय संस्थाओं ने मिलकर एक आपराधिक साजिश रची तथा 25 जनवरी 2023 से पहले और उसके बाद सैकड़ों अरब डॉलर की शेयर की बिक्री की। इसके बाद उन्होंने कथित तोर पर एक मनगढ़ंत रिपोर्ट जारी की।
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर लेखांकन धोखाधड़ी और “बेशर्म स्टॉक हेरफेर” में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसे अडानी समूह ने खारिज किया है।
आपको बता दे कि इसी रिपोर्ट के कारण पिछले कई दिन से संसद में हंगामे चल रहे है और इसी के कारण अडानी के शेयर भी धड़ाम हो गए है जिसके कारण गौत्तम अडानी भी दुनिया के दूसरे नंबर से लुढ़ककर नीचे आ गए है।