नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की बिकवाली पिछले सप्ताह भी लगातार जारी रही। पिछले सप्ताह 4 से 8 नवंबर के बीच के 5 कारोबारी दिनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 19 हजार करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध बिकवाली की। इसके पहले अक्टूबर के महीने में भी विदेशी निवेशकों ने रिकॉर्ड बिकवाली की थी, जबकि जून से सितंबर तक विदेशी निवेशक लगातार लिवाल (बायर) बने रहे थे।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार नवंबर के महीने में अभी तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेदक कल 19,994 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली कर चुके हैं। इसके पहले अक्टूबर के महीने में भी विदेशी निवेशकों ने 94,017 करोड़ रुपये की नेट सेलिंग की थी। अक्टूबर महीने में बिकवाली का ये आंकड़ा घरेलू शेयर बाजार के इतिहास में विदेशी निवेशको द्वारा किसी एक महीने में की गई बिकवाली का अभी तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके पहले मार्च 2020 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एक महीने में 61,973 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की थी।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रह सकती है। खासकर चीन द्वारा राहत पैकेज का ऐलान करने के बाद विदेशी निवेशक अपनी पूंजी बड़ी मात्रा में चीन के स्टॉक एक्सचेंज में शिफ्ट कर रहे हैं। इसके लिए वे भारत समेत दुनिया के कई स्टॉक एक्सचेंज में पिछले 1 महीने से लगातार बिकवाली करके पैसे की निकासी कर रहे हैं।
एक्सिस सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड जसवंत दमानी का कहना है कि चीन के आकर्षक प्रस्ताव की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकलना जारी रख सकते हैं। हालांकि अगर तीसरी तिमाही के दौरान कंपनियों के नतीजे सकारात्मक रहे और आय में सुधार होने के पॉजिटिव इंडिकेशंस मिले, तो ये स्थिति बदल सकती है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए चीन का स्टॉक मार्केट फिलहाल आकर्षक बना हुआ है। घरेलू बाजार में ज्यादातर बड़ी कंपनियां ने दूसरी तिमाही में कमजोर नतीजे पेश करके निगेटिविटी को बढ़ाने का काम किया है, जिसकी वजह से बाजार पर लगातार दबाव बना हुआ है।