इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में फैली हिंसा के 31 घंटे बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारी हिंसा के बीच देश की आवाम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री शरीफ ने इमरान खान पर जमकर हमला करते हुए कहा कि जो काम दुश्मन देश नहीं कर सके वो पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने कर दिया।
शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान का जुर्म नाकाबिल-ए-माफी है। इमरान खान की गिरफ्तारी भ्रष्टाचार के केस में हुई है। उन्होंने 60 अरब रुपये का घोटाला किया है। इमरान खान के समर्थकों ने अवाम की जान को खतरे में डाला है। हिंसा करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लंदन से वापस आते ही इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि इमरान खान की गिरफ्तारी कानूनी है। जो देश के दुश्मन 75 साल में नहीं कर पाए वो अकेले इमरान और उनकी पार्टी पीटीआई ने कर दिया। गाड़ियां जलाई गई और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया। हम हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटेंगे। शहबाज शरीफ तीन दिनों के लंदन दौरे के बाद आज स्वदेश लौटे हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि इमरान के जालिम शासन के बाद हमारी सरकार सत्ता में आई। उन्होंने कहा कि सियासत में बदले का अंजाम अच्छा नहीं होता। उन्होंने कहा कि इमरान के समय कई नेता जेल के अंदर थे। इमरान के जालिम शासन में तुरंत गिरफ्तारी हो जाती थी, तब जुर्म नहीं, चेहरा देखा जाता था। उस समय बदले की कार्रवाई होती थी। विपक्षी नेताओं को फर्जी केसों में जेल भेजा गया। इल्जाम पर ही गिरफ्तारी हो जाती थी। हम पर जो इल्जाम लगाए, वो साबित नहीं हुए। हमारा 40 साल का रिकॉर्ड खंगाला गया। हमने कानून का सामना करने से इनकार नहीं किया।
कतर दौरे पर आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर
पाकिस्तानी सेना प्रमुख देश में मचे बवाल के बीच कतर के दौरे पर हैं। वह इमरान खान की गिरफ्तारी के एक दिन पहले ही पाकिस्तान से बाहर निकल गए थे। इमरान की गिरफ्तारी के बाद गुस्साए समर्थकों ने आर्मी के ठिकानों को निशाना बनाया और रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय पर भी हमला किया।
पाकिस्तानी सेना ने दिया कड़ा संदेश
पाकिस्तानी सेना ने हिंसा पर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शनों में शामिल सूत्रधारों, योजनाकारों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली गई है। इन लोगों खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। ये दुष्ट लोग अब अपने किए का परिणाम भुगतेंगे। ये लोग सेना पर हमला कर देश को गृह युद्ध में धकेलना चाहते थे।
इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा पर पाकिस्तानी सेना ने आक्रोश जताया है। इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बुधवार को कहा कि 9 मई को एक काले अध्याय के तौर पर याद किया जाएगा। इन दिन इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद समर्थकों ने पाकिस्तानी सेना पर हमले किए थे। लाहौर में कोर कमांडर के आवास को जला दिया गया। रावलपिंडी में सैन्य मुख्यालय पर हमला किया गया।
पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में सेना की तैनाती
पाकिस्तान की संघीय सरकार ने राज्यों के अनुरोध पर पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा सूबे में सेना की तैनाती के आदेश दिए हैं। खैबर पख्तूनख्वा इमरान खान का गृह राज्य भी है। इन दोनों राज्यों में इमरान खान के समर्थकों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया है। इस दौरान भड़की हिंसा में कई लोग घायल हुए हैं।