नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित शक्ति भोग फूड्स लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) केवल कृष्ण कुमार को 3,200 करोड़ रुपये के कथित मनी लॉन्ड्रिंग व बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में जमानत दे दी। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की एकल-न्यायाधीश की पीठ ने उन्हें मामले में राहत देते हुए कहा, मैंने माना है कि आवेदक बीमार नहीं है, लेकिन वह जमानत का हकदार है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 4 जुलाई, 2021 को कुमार को गिरफ्तार किया था।
केंद्रीय एजेंसी की मनी लॉन्ड्रिंग जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा कुमार सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार में कथित रूप से शामिल होने के लिए दर्ज की गई एक प्रथम सूचना रिपोर्ट से उपजी है।
ईडी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, कुमार की गिरफ्तारी दिल्ली और हरियाणा में स्थित नौ परिसरों में की गई तलाशी के क्रम में थी, जिसके दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए थे।
यह आरोप लगाया गया था कि कुमार अन्य लोगों के साथ संबंधित संस्थाओं के माध्यम से धन की राउंड ट्रिपिंग द्वारा ऋण खातों से धन के डायवर्जन में शामिल थे और विभिन्न संस्थाओं से संदिग्ध बिक्री या खरीद के माध्यम से धन की हेराफेरी की गई थी।
ईडी के आरोपों के अनुसार, मैसर्स शक्ति भोग स्नैक्स लिमिटेड, के सीएमडी कृष्ण कुमार, रमन भुरारिया (चार्टर्ड अकाउंट) और देवकी नंदन गर्ग (दोनों को पहले ही जमानत मिल चुकी थी) के साथ मिलकर पेपर बिक्री या खरीद लेनदेन में शामिल थे और कोई वास्तविक संचालन नहीं करते थे।
उच्च न्यायालय ने 8 फरवरी को चार्टर्ड एकाउंटेंट भूरारिया को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि पर देश छोड़कर नहीं जाने और जांच में शामिल होने जैसी कुछ शर्तों के अधीन जमानत दी थी।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा था कि प्रथम²ष्टया उनकी रिहाई का मामला बनता है।
उन्होंने कहा था कि मुकदमे से पहले कैद जारी रखना, व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करने के साथ-साथ न्याय का उपहास करने जैसा होगा।
ईडी ने आरोपी को मामले का किंगपिन बताते हुए जमानत याचिका का विरोध किया था।