अजमेर। किशनगढ़ जमीन घोटाले में वकील बालकिशन सुनारिया को गिरफ्तार करने के मामले में थानाधिकारी भीखाराम काला को थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया है। इस निर्णय के बाद वकीलों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया है।
एडवोकेट एवं बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने बताया कि वकीलों का आंदोलन समाप्त हो गया है। रावत ने मीडिया को बयान दिया कि उनकी चारों मांगे स्वीकार कर ली गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में एसआईटी से जांच कराई जाए। तब तक थानाधिकारी को पुलिस थाने से हटाया जाए। भविष्य में किसी भी वकील की गिरफ्तारी से पूर्व बार एसोसिएशन को सूचित किया जाए। वकीलों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार करने के आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह सभी मांगे पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने स्वीकार कर ली। पुलिस की ओर से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने मीडिया को बताया कि दमकल से वकीलों पर पानी की बौछार करने के मामले में जांच के बाद निर्णय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किशनगढ़ जमीनी मामले में एसआईटी से जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में वकील बालकिशन सुनारिया की गिरफ्तारी गलत साबित होती है तो दोषी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। इसके बाद वकीलों ने धरना उठा दिया और धरना स्थल पर एक दूसरे को मिठाई खिला कर आंदोलन की जीत का जश्न मनाया। उल्लेखनीय है कि इस मामले में किशनगढ़ और अजमेर में आंदोलन जारी था। अजमेर में पिछले तीन दिनों से कोर्ट में कामकाज स्थगित कर वकील धरने पर बैठे थे। कोर्ट परिसर में पुलिस और पक्षकारों के आने पर भी रोक लगा दी गई थी। अब सभी वकील काम पर लौट आए हैं।