Monday, December 23, 2024

शांत शरद पवार ने कहा मोदी का शुक्रिया, राकांपा के दो-फाड़ के लिए ईडी को ठहराया जिम्‍मेदार

पुणे। अपने भतीजे अजित पवार द्वारा रविवार को पार्टी तोड़ने के बाद शांत नजर आए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘धन्यवाद’ दिया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को आज के घटनाक्रम के लिए ‘दोषी’ ठहराया।

राकांपा के संस्‍थापक 83 वर्षीय पवार ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी हाल ही में मोदी ने कांग्रेस-एनसीपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।

उन्‍होंने कहा, “आज उनकी पार्टी ने उन्‍हीं लोगों से हाथ मिलाया है और उसी पार्टी (राकांपा) के कुछ लोगों को (मंत्री के रूप में) शपथ दिलाई है, जिनके खिलाफ मोदी ने उंगली उठाई थी। इसका मतलब है कि मोदी के आरोप बेबुनियाद थे और अब हम सभी आरोपों से ‘मुक्त’ हैं।’ मैं इसके लिए उनका आभारी हूं… मैं पूछताछ का सामना कर रहे उन लोगों के लिए खुश हूं जिन्होंने आज शपथ ली है।”

एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी के कुछ नेता ईडी जैसी विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच को लेकर असहज थे और पीएम के आरोपों के बाद वे बहुत असहज हो गए, जिसके चलते उन्होंने रविवार को यह कदम उठाया।

सीनियर पवार ने कहा, “हालांकि, जो लोग गए हैं उनमें से कई मेरे संपर्क में हैं… कुछ ने यह भी पूछा है कि उनके हस्ताक्षर कैसे लिए गए। उन्होंने यह भी कहा है कि वे अगले दो-तीन दिनों में अपना रुख स्पष्ट कर देंगे।”

उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें 30 जून को महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के विपक्ष के नेता के रूप में अजित पवार के इस्तीफे के बारे में ‘जानकारी’ नहीं थी और उन्होंने “एनसीपी को तोड़ने” के लिए उन्हें दोषी ठहराया।

पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना-यूबीटी के विपरीत पवार ने कहा कि वह ‘विभाजन’ को कानूनी चुनौती नहीं देंगे, और कोई भी जो भी आरोप लगाए, वह जनता की अदालत में जाएंगे और अपना पक्ष रखेंगे।

उन्होंने राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और महासचिव सुनील तटकरे पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की कि उन्‍होंने अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से पूरा नहीं किया जिसके कारण विभाजन हुआ। दोनों को राकांपा अध्‍यक्ष ने 10 जून को नई जिम्‍मेदारी सौंपी थी, लेकिन दोनों अजित पवार के पक्ष में चले गए।

एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि आज का घटनाक्रम उनके लिए ‘कोई नई बात नहीं’ है और याद किया कि कैसे 1986 में कई नेताओं ने उनका साथ छोड़ दिया था और उनके पास केवल पांच लोग बचे थे, जिनके साथ उन्होंने पूरी पार्टी का पुनर्निर्माण किया था।

“हम अब पार्टी का पुनर्निर्माण करेंगे… अब कोई दूसरा रास्‍ता नहीं है। आप जल्द ही पार्टी में नए नेताओं को सामने आते देखेंगे जो राज्य और देश के बारे में चिंतित हैं।”

पवार ने यह भी कहा कि उनके पास देश भर से फोन कॉल्स की बाढ़ आ गई है। कॉल करने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष तथा पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हैं, जो अपनी चिंताएं व्यक्त कर रहे हैं।

एक सवाल के जवाब में एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि रविवार की उथल-पुथल ‘पवार कबीले में फूट’ का संकेत नहीं देती है और यह परिवार के दायरे से बाहर की राजनीति है।

 

 

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