मुंबई। महाविकास अघाड़ी की विधानसभा चुनाव में बुरी हार के बाद एनसीपी के वयोवृद्ध नेता शरद पवार ने पहली बार इस पर खुलकर अपनी राय जाहिर की है। शरद पवार गुट की दो दिवसीय बैठक में उन्होंने हार के कारणों, पार्टी विभाजन की अटकलों और भतीजे अजित पवार के साथ सुलह की संभावनाओं जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की।
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शरद पवार ने पार्टी के टूटने और अजित पवार गुट में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि चुनाव में असफलता के बावजूद वे हतोत्साहित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “चुनाव परिणाम के बाद मैं थोड़ा असहज हो गया था, लेकिन छात्रों, महिलाओं और युवाओं के साथ हुई बैठकों ने मेरा विश्वास फिर से बढ़ा दिया।”
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अजित पवार गुट द्वारा शरद पवार गुट के सांसदों को दिए गए ऑफर की खबरें संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सुर्खियों में थीं। लेकिन शरद पवार ने इन चर्चाओं को विराम देते हुए कहा कि उनके गुट का अजित पवार गुट के साथ आने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
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शरद पवार ने माना कि विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की हार कार्यकर्ताओं की उम्मीदों के विपरीत थी, जिससे वह थोड़े परेशान हुए। उन्होंने कहा, “परिणाम आने के बाद मेरे मन में सवाल था कि कार्यकर्ताओं के मन में क्या चल रहा होगा। लेकिन धीरे-धीरे हालात बेहतर हुए और मेरा विश्वास फिर से मजबूत हुआ।”
बैठक के दौरान शरद पवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि संघ की रणनीति और संगठनात्मक मजबूती ने महायुति को विधानसभा में जीत दिलाने में बड़ी भूमिका निभाई।
मुंबई में आयोजित दो दिवसीय बैठक में एनसीपी शरद पवार गुट ने हार के कारणों का विश्लेषण किया और आगे की रणनीति पर चर्चा की। शरद पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे संघर्ष जारी रखेंगे और पार्टी को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।