Monday, November 25, 2024

शिवराज कैबिनेट का फैसलाः मप्र में बंद होंगे अहाते, दुकान में बैठकर शराब पीने की अनुमति नहीं

भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनाव साल में भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती द्वारा शराबबंदी को लेकर चलाए जा रहे अभियान का दबाव सरकार पर साफ देखने को मिला है। शिवराज सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश में अब शराब दुकानों पर बैठकर शराब नहीं पी सकेंगे। इसके साथ ही, प्रदेश में सभी अहाते भी बंद किए जाएंगे।

दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में रविवार देर शाम मंत्रि-परिषद की बैठक हुई। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठक के बाद बताया कि मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में शराब को हतोत्साहित करने के लिये कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। प्रदेश में शराब के सभी अहाते और शॉप बार बंद किए जाएंगे। मदिरा दुकानों में बैठकर मदिरा पीने की अनुमति नहीं होगी। शराब की दुकान के लिये शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के आसपास के 50 मीटर के दायरे को बढ़ाकर 100 मीटर किया जायेगा। साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित करने एवं सजा के प्रावधान कड़े किए जाएंगे।

राहत राशि में वृद्धि

मंत्रि-परिषद ने राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 परिशिष्ट-1 में संशोधन करते हुए राहत राशि में वृद्धि करने का निर्णय लिया है। निर्णय अनुसार, शरीर के किसी अंग अथवा आंख/आंखों की हानि के लिए 40% और 60% के बीच अपंगता होने पर 59 हजार 100 रुपये के स्थान पर 74 हजार रुपये प्रति व्यक्ति तथा 60% से अधिक अपंगता होने पर 2 लाख रुपये के स्थान पर 2.50 लाख रुपये दिया जायेगा। इसी तरह गंभीर रूप से घायल, जो एक सप्ताह से अधिक दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहने पर 12 हजार 700 रुपये के स्थान पर 16 हजार रुपये प्रति व्यक्ति तथा एक सप्ताह से कम अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर 4 हजार 300 रुपये के स्थान पर 5 हजार 400 रुपये प्रति व्यक्ति दिया जायेगा।

बाढ़ की स्थिति में भूमि और अन्य नुकसान के लिए सहायता

कृषि योग्य भूमि वाले खेतों में रेत या पत्थर (3 इंच से अधिक) आ जाने पर पहाड़ी क्षेत्रों में कृषि योग्य भूमि पर मलबा हटाने के लिये, फिश फार्म में डिसेल्टिंग या पुनस्थापन अथवा मरम्मत सफाई के लिये राहत 12 हजार 200 के स्थान पर 18 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर दिया जायेगा। इसी तरह भूस्खलन, हिमस्खलन, नदियों के रास्ता बदलने के कारण सीमांत या लघु कृषक के भूमि स्वामित्व की भूमि के नष्ट होने पर राहत 37 हजार 500 के स्थान पर 47 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाएगा। इसी तरह नष्ट हुए मकानों के लिये आर्थिक अनुदान सहायता राशि में इजाफा किया गया है। पशु-पक्षी (मुर्गा/मुर्गी) हानि के लिए आर्थिक सहायता और बाढ़ एवं तूफान से प्रभावित मछुआरों को दी जाने वाली सहायता में भी वृद्धि की गई है।

बुनकरों/हस्तशिल्पियों को दी जाने वाली सहायता

नैसर्गिक आपदा से प्रभावित बुनकर/परम्परागत शिल्प के क्षेत्र में काम करने वाले हस्त शिल्पी को उनके उपकरण/औजार और उनके द्वारा तैयार माल अथवा कच्चे माल के क्षतिग्रस्त होने पर कच्चे माल या धागा और अन्य तत्संबंधी रंग, रसायन आदि क्रय करने पर प्रति बुनकर/शिल्पी हेतु राहत राशि अधिकतम 4100 रुपये के स्थान पर पांच हजार रुपये प्रति शिल्पकार दिया जाएगा।

8171 किमी सड़कों का कायाकल्प के लिए 4160 करोड़ की अतिरिक्त स्वीकृति

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश की लगभग 8171 कि.मी. सड़कों का कायाकल्प करने के लिए लोक निर्माण विभाग को 4 हज़ार 160 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की है। प्रदेश को उच्च गुणवत्ता की सड़कें प्रदान करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध बैंक ऑफ सैक्शन (सूचकांक पर आधारित) की सीमा में एक मुश्त छूट प्रदान की गई है। साथ ही सड़कों के सुदृढ़ीकरण के लिए 4 हजार 160 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रशासकीय स्वीकृतियां जारी करने के लिए लोक निर्माण विभाग को अधिकृत भी किया गया है।

शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय सतना के लिए 1589 नवीन पदों की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद ने नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, सतना के संचालन हेतु शासकीय सेवा के नियमित स्थापना के 1 हजार 92 पद तथा आउटसोर्स सेवाओं के 497 पद इस प्रकार कुल 1 हजार 589 नवीन पदों की स्वीकृति प्रदान की है। सतना में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल के निर्माण से प्रदेश के छात्रों के लिये चिकित्सा क्षेत्र के स्नातक पाठ्यक्रम की अतिरिक्त 150 एमबीबीएस सीट्स उपलब्ध होगी। इसके साथ ही सतना जिले के साथ-साथ आस-पास की जनता को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

मप्र नगर पालिक विधि (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 की कतिपय धाराओं में संशोधन किये जाने के लिए म.प्र. नगर पालिक विधि (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दी है। यह विधेयक विभाग के अंतर्गत प्रशासित अधिनियमों के कतिपय प्रावधानों को डिक्रिमिनालाइज करने के संबंध में लाया जा रहा है।

इसके अलावा मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों को प्रदाय किया जाना) संशोधन विधेयक 2023 को मंजूरी दी गई है। मंत्रि-परिषद ने ग्वालियर में नवीन तहसील ग्वालियर ग्रामीण के सृजन को मंजूरी दी है। साथ ही नवीन तहसील के लिए एक तहसीलदार, एक नायब तहसीलदार, एक सहायक ग्रेड-2 (प्रवाचक), दो सहायक ग्रेड-3, 3 भृत्य इस प्रकार कुल 8 पद की स्वीकृति दी है।

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