मुजफ्फरनगर। जिले के प्राचीन शिव मंदिर प्रांगण में श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कथा संयोजक प्रवीण अरोड़ा और श्रीमती सुमन अरोड़ा द्वारा भक्तों में खेल, खिलौने, मिठाइयाँ, और बधाइयाँ बांटी गईं। व्यासपीठ से आचार्य श्री वेद प्रकाश शुक्ल जी ने आज के कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए श्री कृष्ण के जन्म के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। भक्तों के बीच इस पावन प्रसंग का माहौल बेहद उल्लासमय और आध्यात्मिकता से भरा रहा।
उन्होंने बताया कि भगवान का अनुग्रह सब पर समान रूप से बरसता है, चाहे वे देवता हों, दानव हों, या मानव। क्योंकि सभी जीव परमात्मा की सन्तान हैं, लेकिन वही व्यक्ति इस अनुग्रह का सच्चा अनुभव कर पाते हैं जिनका मन निर्मल और स्वच्छ होता है। अनुकूल परिस्थितियाँ या सुख-सुविधाएँ परमात्मा की कृपा का संकेत नहीं मानी जातीं। बल्कि, जब कोई व्यक्ति अनुकूल और प्रतिकूल दोनों प्रकार की परिस्थितियों में भी लगातार भगवान का चिंतन करता है, तब वह व्यक्ति परमात्मा के विशेष अनुग्रह का भागी होता है।
वृत्रासुर का उदाहरण देते हुए कहा जाता है कि जब इन्द्र उसे मारने के लिए युद्ध के मैदान में खड़े थे, तब भी वृत्रासुर प्रेमपूर्वक भगवान की प्रार्थना कर रहा था। इसी प्रकार, सच्चे भक्त के हृदय में प्रवाहित भगवत प्रेम की धारा किसी भी भय या लोभ से प्रभावित नहीं होती। हिरण्यकशिपु ने भक्त प्रह्लाद को कितना सताया, लेकिन उन्होंने एक क्षण के लिए भी भगवान का भजन नहीं छोड़ा।
आज कथा में श्रीकृष्ण अवतार के प्रसंग का विशेष उल्लेख होगा, जो भक्तों के लिए आनंद और प्रेरणा का स्रोत है।
आज की कथा के मुख्य यजमान संजय कुमार दुबे सपरिवार रहे। इस पावन अवसर पर राज कुमार अग्रवाल, अंजनी कुमार शर्मा, अनिल नामदेव, रविन्द्र कुमार गुप्ता, एडवोकेट अशोक कुमार अग्रवाल, मनी कपूर, और सुनील गोयल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कथा आयोजन को सफल बनाने में अश्वनी रहेजा, वरुण कुमार, प्रेम प्रकाश अरोरा, और सुधीर कुमार चौधरी का विशेष सहयोग रहा, जिन्होंने आयोजन की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।