Tuesday, October 1, 2024

मुजफ्फरनगर: राजा परीक्षित के मोक्ष एवं व्यास जी की विदाई के साथ श्री मद भागवत ज्ञान यज्ञ संपन्न

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में पितृ पक्ष के पावन अवसर पर कचहरी परिसर में स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पिछले एक सप्ताह से चल रहे श्रीमद भागवत ज्ञान यज्ञ का समापन आज राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा और व्यास जी की भावपूर्ण विदाई के साथ संपन्न हुआ।

इस अवसर पर आचार्य वेद प्रकाश शुक्ल ने व्यास पीठ से प्रवचन करते हुए पितृ पक्ष में पितरों की प्रसन्नता के लिए किए जाने वाले कार्यों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने बताया कि इस समय में श्रद्धा और समर्पण के साथ किए गए कर्म, जैसे पिंडदान, तर्पण, और अन्य धार्मिक अनुष्ठान, पितरों की आत्मा की शांति और कल्याण के लिए अति महत्वपूर्ण होते हैं।

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रात्रि में शयन से पहले और प्रातःकाल जागने के बाद परमात्मा का ध्यान अवश्य करना चाहिए। श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण की दिनचर्या का वर्णन करते हुए शुकदेव ने बताया है कि भगवान श्रीकृष्ण प्रातःकाल पवित्र आसन पर बैठकर सच्चिदानन्द स्वरूप आत्मा का नित्य ध्यान करते थे। भगवान विष्णु के अवतार होते हुए भी श्रीकृष्ण देव, ऋषि, और पितरों का नित्य तर्पण करते थे। यह उनके द्वारा देव, ऋषि, और पितरों के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करने का एक माध्यम था। पितरों का तर्पण करना, माता-पिता और अन्य आदरणीय आप्तजनों की सेवा करना, उनकी आज्ञाओं का पालन करना, और माता-पिता के परलोक गमन के बाद उनका श्राद्ध करना धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है। गया में श्राद्ध करना, श्रीमद्भागवत का विधिपूर्वक श्रवण करना, और पितृ दोष से मुक्ति के लिए किए गए ये सभी कर्म सर्वोत्तम साधन माने गए हैं।

आज की श्रीमद्भागवत कथा के पूजन यजमान राज कुमार चौहान एडवोकेट सपत्नीक और सेतु अरोरा व श्रीमती पूर्ति अरोरा रहे। इस आयोजन में राजेश गोयल (किरण सिटी), सुशील कुमार गर्ग (गोल्डन पब्लिक स्कूल), डॉ. अरुण अरोरा, सचिन जैन सर्राफ, राजीव त्यागी एडवोकेट, प्रवीन त्यागी आदि का विशेष सहयोग रहा। कथा संयोजक प्रवीण कुमार एडवोकेट ने व्यास पीठ के प्रति पूर्ण आदर और सम्मान प्रकट करते हुए सभी उपस्थित कथा प्रेमी भाई-बहनों का आभार व्यक्त किया।

 

प्रेम प्रकाश अरोरा ने बताया कि कथा विश्राम के उपरांत कल, 2 अक्टूबर दिन बुधवार को प्रातः 11 बजे मंदिर प्रांगण में कथा की पूर्णता और पितरों की प्रसन्नता हेतु हवन का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद ब्राह्मण भोजन के साथ भंडारा भी होगा। सभी कथा प्रेमियों को हवन और भंडारे के लिए सप्रेम आमंत्रित किया गया है।

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