मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह मामले को लेकर सिविल सीनियर डिवीजन की फास्ट ट्रैक कोर्ट में हिन्दू सेना की याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने 17 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने कोर्ट में कहा कि पहले सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई होनी चाहिए, जबकि वादी के अधिवक्ता ने आपत्ति लगाते हुए कहा कि विवादित स्थान का सर्वे होने से किसी के अधिकारों का हनन नहीं होता, बाद में सेवन रूल इलेवन पर सुनवाई हो सकती है। जिसे पर कोर्ट ने अगली सुनवाई 17 अप्रैल को निर्धारित की है।
गौरतलब हो कि श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के विवाद मामले में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बीते साल 08 दिसंबर को एक दावा मथुरा कोर्ट में दाखिल किया गया था, जिसको लेकर सुनवाई चल रही थी। वहीं, 29 मार्च को सिविल सीनियर डिवीजन की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अमीन सर्वे के आदेश कर दिए, जिसमें शाही ईदगाह का अमीन सर्वे किया जाना था।
प्रतिवादी पक्ष ने शाही ईदगाह पर अमीन ना जाने को लेकर एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया गया, जो कि कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है, जिसमें प्रतिवादी पक्ष की मांग की गई कि अमीन सर्वे को शाही ईदगाह सर्वे के लिए नहीं भेजा जाए। पहले हमारी बात सुनी जाए जिसको लेकर कोर्ट ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की तारीख 11 अप्रैल थी। जिसको लेकर मंगलवार सुनवाई हुई जिसमें कोर्ट ने अगली सुनवाई 17 अप्रैल दी है।
वादी के अधिवक्ता शैलेश दुबे ने एफटीसी कोर्ट में अहम तथ्य को रखा था, इस वजह से 08 दिसंबर 2022 को विवादित स्थान का सर्वे सरकारी अमीन से आख्या मांगने के आदेश किए गए थे। प्रतिवादी अधिवक्ताओं ने अभी तक कोर्ट में कोई आपत्ति दाखिल नहीं की है, जबकि 29 अप्रैल को एफटीसी कोर्ट में पिछले आदेश को पुनः कार्य में लिया और आदेश कर दिए गए 05 अप्रैल को सरकारी अमीन को कोर्ट ने रिट जारी कर दी गई। सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता ने अपनी दलील पेश की। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई 17 अप्रैल को होगी।