लखनऊ -उत्तर प्रदेश में राज्य स्तरीय दल की मान्यता समाप्त होने के बाद राष्ट्रीय लोक दल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को चिट्ठी लिखी है, जिसमें अपने नगर निकाय प्रत्याशियों के लिए ‘हैंडपंप’ का चुनाव चिन्ह आवंटित करने का आग्रह किया है।
आपको बता दें कि कल भारत निर्वाचन आयोग ने कई राष्ट्रीय दलों की मान्यता समाप्त कर दी है, साथ ही उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल की मान्यता भी समाप्त कर दी है।
पार्टी ने आज राज्य निर्वाचन आयुक्त को एक चिट्ठी लिखकर उनसे अपने नगर निकाय के सभी प्रत्याशियों के लिए हैंडपंप चुनाव चिन्ह आरक्षित करने का अनुरोध किया है।
राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) से राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा वापस लिए जाने के बाद पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त को मंगलवार को एक पत्र लिखा, जिसमें सूबे के आगामी नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के चुनाव चिह्न ‘हैंडपंप’ का आवंटन केवल उसके प्रत्याशियों को ही करने का आग्रह किया गया है। चौधरी ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे पत्र में कहा, “उत्तर प्रदेश में होने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव में कृपया राष्ट्रीय लोकदल के चुनाव चिह्न ‘हैंडपंप’ को केवल दल के प्रत्याशियों के लिए सभी सीटों पर आरक्षित करने का कष्ट करें।”
जयंत इस वक्त पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा में रालोद के नौ सदस्य हैं। रालोद इस वक्त अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में है। इस बीच, रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि उनकी पार्टी निर्वाचन आयोग के फैसले के तकनीकी पहलुओं पर गौर कर रही है और कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने निर्वाचन आयोग के फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल पर किसी भी तरह के नकारात्मक असर की संभावनाओं से इनकार करते हुए भरोसा जताया कि आयोग ‘हैंडपंप’ चुनाव चिह्न राष्ट्रीय लोक दल को ही आवंटित करेगा।