गाजियाबाद। बिजली चोरी की बढ़ती घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए गाजियाबाद विद्युत विभाग ने एक अहम और तकनीकी कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के अंतर्गत गाजियाबाद जोन ने ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटर लगाने की योजना शुरू की है। यह पहल न केवल बिजली चोरी को रोकने में सहायक होगी, बल्कि उपभोक्ताओं को पारदर्शी, निर्बाध और सटीक बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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गाजियाबाद में वर्तमान में करीब 4 लाख 25 हजार उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति के लिए 41 विद्युत उपकेंद्रों के जरिए 231 फीडरों से बिजली पहुंचाई जा रही है। इन फीडरों पर पहले ही स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है। अब अगला चरण ट्रांसफार्मरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का है, जिससे खपत और आपूर्ति की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी।
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मुख्य अभियंता अशोक सुंदरम के अनुसार, “स्मार्ट मीटरों की मदद से ट्रांसफार्मर स्तर पर बिजली की खपत और आपूर्ति का अंतर स्पष्ट रूप से ज्ञात होगा। इससे अवैध कनेक्शन, मीटर बायपास और अन्य गड़बड़ियों की त्वरित पहचान की जा सकेगी।”
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उन्होंने बताया कि इस कदम से न केवल लाइन लॉस कम होगा, बल्कि राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। विभाग को इससे यह जानने में आसानी होगी कि किन क्षेत्रों में बिजली चोरी हो रही है और तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी।
गौरतलब है कि गाजियाबाद में बिजली चोरी लंबे समय से एक गंभीर समस्या रही है। हाल ही में विभाग ने बिजली चोरी के मामलों में 34 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। शहरी व ग्रामीण दोनों इलाकों में अवैध कनेक्शन और मीटर टैंपरिंग के कारण विभाग को हर साल लाखों रुपये का नुकसान होता है।
स्मार्ट मीटरिंग योजना को न सिर्फ गाजियाबाद बल्कि लखनऊ और गौरीगंज जैसे अन्य शहरों में भी सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। इन शहरों में ट्रांसफार्मर स्तर पर निगरानी से बिजली चोरी में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। गाजियाबाद में भी इसी मॉडल को अपनाकर विद्युत वितरण व्यवस्था को और अधिक सशक्त और पारदर्शी बनाया जा रहा है।