शामली। उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में खनन माफिया बुरी तरह बेलगाम हो चुका है। जहां खनन माफिया द्वारा कई बीघा भूमि में बिना परमिशन के एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए भारी भरकम आधुनिक मशीनों से दिन रात अवैध तरीके से मिट्टी खनन कर उस मिट्टी को आसपास निर्मित हो रही कॉलोनियों में मनमाने दामों पर बेचा जा रहा है।
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वहीं अवैध मिट्टी खनन माफिया द्वारा यह कारनामा पिछले कई महीनो से लगातार किया जा रहा है। लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। जिससे राजस्व विभाग को बड़ी हानि हो रही है। वही मिट्टी खनन माफिया द्वारा बगैर परमिशन इतना बड़ा मिट्टी खनन किए जाने से प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
आपको बता दें पूरा मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के बलवा बाईपास स्थित रेलवे फ्लाईओवर के पास जंगलों का है। जहाँ खेडी करमू निवासी मुंशी नामक व्यक्ति के खेत में मिट्टी खनन माफिया एहसान निवासी बलवा द्वारा दिन रात भारी भरकम आधुनिक मशीनों से धरती का सीना लगातार चीर जा रहा है। जहां खनन माफिया द्वारा कई बीघा भूमि में बिना परमिशन के नियम कानून को ताक पर रखकर करीब 6 फुट मिट्टी उठाई जा रही है। खनन माफिया एहसान के भीतर जिला प्रशासन व एनजीटी का कोई भी खौफ नहीं है।
जिसके चलते वह बिना परमिशन के इतने बड़े स्तर पर अवैध मिट्टी खनन का काला कारोबार कर रहा है। वही सूर्यास्त के बाद अवैध मिट्टी खनन किए जाने से हादसों को भी खुला निमंत्रण दिया जा रहा है। जहां कुछ दिन पूर्व उक्त मिट्टी खनन पर कार्य करने वाले उक्त ट्रैक्टर ट्राला भी घनघोर अंधेरे के कारण सड़क से पलट कर गहरी खाई में गिर गया था। जिसमें चालक भी गंभीर रूप से घायल हुआ था। जिसका उपचार शामली के एक निजी चिकित्सालय में करवाया गया था। वही मिट्टी खनन माफिया के हौसले के आगे जिला प्रशासन पूरी तरह से लाचार व बेबस नजर आ रहा है। जिसके चलते राजस्व विभाग को करोड़ों रुपए की हानि हो रही है।
जिसका जिम्मेदार पूर्ण रूप से जिला प्रशासन के अधिकारी हैं। क्योंकि मिट्टी खनन माफिया एहसान का यह काला कारोबार पिछले कई महीनो से बदस्तूर जारी है और आज तक उसे पर जिला प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिसके चलते मिट्टी खनन माफिया बेलगाम हो चुका है और अब सूर्यास्त के बाद भी अवैध मिट्टी खनन कर एनजीटी के आदेशों को भी खुली चुनौती दे रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि जिला प्रशासन उक्त मिट्टी खनन माफिया पर कब तक लगाम कस पाता है। फिलहाल तो स्थिति अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बनी हुई है।