Friday, November 22, 2024

अन्तरिम बजट से कोई खुश, तो कोई खफा- राकेश टिकैत बोले-केवल चुनावी ढ़कोसला है,सबके साथ धोखा है !

मुजफ्फरनगर। आज देश की सरकार ने नई संसद में अपना पहला अन्तरिम बजट पेश किया, जिसका वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रमवार योजनाओं सहित ब्यौरा दिया, जिसमें उन्होंने यह बजट महिला, गरीब, युवा, किसान के हितों के लिए पेश किया। सरकार द्वारा कहा गया कि देश की मंडियों को ई-नाम राष्ट्रीय कृषि बाजार से जोड़ा जा रहा है। यह योजना राष्ट्रीय बाजार को स्थापित करने के नाम पर चलायी जा रही है, जिससे किसान देश के किसी भी कोने में बैठे व्यापारी को अपनी फसल बेच सके।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के नाम पर ई-नाम राष्ट्रीय कृषि बाजार जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पूर्व में भी देश की डिफाल्टर कम्पनी नागार्जुन फर्टिलाईजर्स एण्ड कैमिकल्स लिमिटेड को दिया जो कि 15०० करोड़ रूपये न चुका पाने के कारण दिवालिया घोषित कर दी गयी। इस योजना से अगर ऐसी डिफाल्टर कम्पनियां और कॉरपोरेट कम्पनियां फसल खरीद के नाम पर जुडेंगी, तो इसका सीधा नुकसान देश के किसानों को होगा। इस योजना में हुई धांधली के बारे में अवगत कराने के लिए देश के पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर जानकारी दी।

आज वित्त मंत्री ने कहा कि 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा योजना व 11.8 करोड किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना का लाभ मिल रहा है, जबकि धरातल पर यह दोनों योजनाएं पूर्ण तरीके से गायब हैं। देश में बेमौसम हुई बरसात व ओलावृष्टि से देश के बहुत से राज्य चपेट में आए। प्रशासन ने जिलास्तर व तहसीलस्तर पर सर्वे तो कराए, लेकिन किसानों को उसका लाभ नहीं मिला। पीएम सम्मान निधि में 500रूपये प्रतिमाह दी जाने वाली धनराशि देश के सबसे मजबूत स्तम्भ और देश के आय के स्रोत कृषक का भला नहीं कर सकती है। यह सिर्फ आंकड़ों में नजर आती है। इस बजट में पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई कटौती नहीं है। महंगाई कम करने की कोई बात नहीं है। महिला, गरीब, युवा, आदिवासी, किसान सिर्फ कागजों पर नजर आता है। नई संसद में पुराने ढर्रें पर पेश अन्तरिम बजट केवल चुनावी ढ़कोसला है। यह देश के किसान, युवा, गरीब, आदिवासी के साथ धोखा है।

बजट में किसानो को नहीं मिली न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राजस्थान, छतीसगढ़ की मोदी गारंटी-धर्मेंद्र मलिक
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बजट 2०24 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट से किसानो को ज्यादा उम्मीद नहीं थी, क्योंकि यह अंतरिम बजट है, लेकिन किसानो की लोकसभा चुनाव से उम्मीद थी कि पूरे देश को गेहूं, धान की खरीद पर पूरह्य देश के किसानो को राजस्थान, छत्तद्धसगढ़ की तर्ज पर मोदी गारंटी मिलेगी, यह नहीं हो पाया है,

अगर एक देश एक टैक्स को लागू कर सकते है, तो एक फसल एक मूल्य को लागू किया जा सकता है। बजट में कोई नई योजना कृषि कल्याण के लिए नही लाई गई है। किसानो को जीएसटी में भी कोई राहत नहीं है। पीएम आशा में भी कोई आबंटन नही बढ़ा है।

फसल बीमा योजना की कवरेज काम होना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार का एग्री क्लीनिक खोलने की योजना से किसान को लाभ मिलेगा, इससे किसानो को सही सलाह मिलेगी, बजट एक रूटीन प्रक्रिया है इससे किसी वर्ग के कल्याण का कोई वास्ता नहीं है।  सरकार को कृषि क्षेत्र में सुविधाएं बढ़ाए जाने की जरूरत थी। इस बजट से किसानो को निराशा मिलद्ध है।

आईआईए चेयरमैन पवन गोयल व आईआईए सचिव अमित जैन ने अपने संयुक्त बयान में कहा है कि अंतरिम बजट  आईआईए की आशा अनुरूप, क्योंकि हम बड़े बदलाव की आशा ही नहीं रख रहे थे।  गरीब, किसान, युवा एवड्ड महिलाओं के सशक्ति कारण से बनेगा विकसित भारत, जिसमे एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका, स्टार्ट अप के लिए कॉरपोरेट टैक्स 15′ से नये उद्योग लगेंगे।
महिलाओ के लिए ऋण की अलग से व्यवस्था से, इससे कुछ नई यूनिट लग सकती है। सालों पुराने टैक्स विवाद वापसी से भी कुछ राहत मिलेगी, पर्यटन को बढ़ावा देने से होटल इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा, जीएसटी, प्रत्यक्ष और परोक्ष टैक्स में कोई बदलाव न होने पर उद्योग जगत में निराशा ।
आईंआईए की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य विपुल भटनागर ने कहा कि अंतरिम बजट से कोई ज़्यादा उम्मीद नहीं होती, अंतिम बजट होने के कारण बहुत योजनाये भी नहीं आनी थी। उद्योग सिर्फ़ इंफ्रास्ट्रक्चर, नियमों का सरलीकरण व उपयुक्त माहौल चाहता है जो इस सरकार में परिलक्षित भी हुआ है। इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टार्टअप्स स्किल डेवलपमेंट व नियमों में सरलीकरण करके सरकार ने अपनी मंशा, एमएसएमई को बढ़ावा देने की ज़ाहिर कर दी है, उम्मीद है आने वाले समय में देश विकासशील से विकसित भारत होगा।
संजय मित्तल प्रांतीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने कहा कि यह भारत सरकार का अंतिम बजट था, इसमें सरकार से यह उम्मीद थी कि कुछ व्यापारियों के लिए सरकार जरूर करेगी, मगर कुछ किया नहीं एक सामान्य बजट है अब नई
सरकार बनने के बाद बजट जो पेश होगा, उसमें भी व्यापारी वर्ग पुह्वत्न अपनी डिमांड रखेगा, क्योंकि व्यापारियों की कई पुरानी मांगे लंबित है।

सामाजिक व धार्मिक कार्यकर्ता राजीव बंसल ने कहा कि आज का बजट देश को जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में मददगार होगा और विश्व मे भारत का डंका बजेगा। राजीव बंसल ने कहा कि आज का पेश बजट सर्वोन्मुखी बजट है।इस बजट में सभी क्षेत्रों का बराबर ध्यान रखा गया है। यह बजट पिछड़ो, शोषितों, वंचितों के विकास को समर्पित बजट है। आज का बजट हर वर्ग का सम्मान और सबका ध्यान रखने वाला है।

मंदिरों या पुजारियों के लिए कुछ नहीं -संजीव शंकर
भारत सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना छठा अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें वर्षों से प्रतीक्षारत हिंदू मंदिरों की स्थिति को सुधार करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया, पुजारियों को भी कोई सुविधा नहीं दी गई, महामृत्युंजय सेवा मिशन अध्यक्ष महामंडलेश्वर संजीव शंकर महाराज ने कहा कि भगवान राम की कृपा भाजपा सरकार पर है, परंतु निचले स्तर पर हिंदू मंदिरों के लिए कोई भी सुविधा का प्रावधान बजट में नहीं किया गया, मंदिरों के लिए भी कोई सुविधाजनक समायोजन होता तो अच्छा होता।

रालोद की राष्ट्रीय सचिव रमा नागर ने कहा कि भाजपा और उसके सहयीगी दल द्वारा समर्थित केंद्रीय सरकार की केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा जो आज अतरिम केंद्रीय बजट पेश किया गया है वह समाज के हर वर्ग के लिए खुशी देना वाला नही है, सभी को निराशा का

सामना करना पडा है अर्थात निराशा हाथ लगी है, इस बजट मे देश के युवाओ, किसानो, मजदूरो, आम आदमी और महिलाओ के लिए कुछ भी नही है उन्हे धोखा दिया गया है, किसानो की आय 2०24 तक दोगुनी करने वाली भाजपा सरकार के बजट में ऐसी कोई भी योजना नही है, जिससे किसानो की आय दोगुनी हो सके, मुझे स्वयं इस बजट से निराशा हाथ लगी है।
बजट निराशाजनक किसान व आमजन की उम्मीदों से पृथक- चौ. शक्ति सिंह
जो बजट पेश किया गया यह बजट है या चुनावी घोषणा पत्र ये बजट समझ से परे है, जिसमे पिछली किसी भी आमजन की आर्थिक समस्या का समाधान नहीं कोई राहत नहीं, मुफ़्त राशन के सिवाय कोई बखान नहीं, नौजवान को रोजगार चाहिए और किसान को उसकी फसल के उचित मूल्य के साथ समयानुसार सुविधा भी, इस बजट में अग्रिम वायदों के अलावा कोई जिक्र नहीं बजट वास्तव में बहुत निराशाजनक है, बजट हर वर्ग की एक उम्मीद होती है यह बजट उम्मीद बिल्कुल पृथक है।
अंतरिम बजट में फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने कि घोषणा अच्छी है-अशोक बालियान: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अंतरिम बजट पेश किया है। यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है।  बजट में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के लिए :द्ब;ह्य 1.27 लाख करोड़ का आबंटन किया गया है। डेयरी विकास के लिए व्यापक कार्यक्रम बनाया जाएगा। सरकार फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी। यह घोषणा किसान हित में अच्छी है। देश में तीन रेलवे कॉरिडोर ऊर्जा, खनिज और सीमेंट के लिए बनाए जाएंगे, इससे लागत कम होगी और सामान की आवाजाही सुगम होगी। देश में रेलवे की 4० हजार सामान्य बोगियों को वंदे भारत के पैमानों के अनुरूप विकसित किया जाएगा ताकि यात्रियों की सुरक्षा और सहूलियत को बढ़ाया जा सके। तीन हजार नए आईटीआई खोले जाएंगे, ताकि युवाओं को अधिक रोजगार मिल सके। देश में आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा। पोषण 2.० के अमल में तेजी लाई जाएगी। टीकाकरण को मजबूत किया जाएगा। आयुष्मान भारत के तहत सभी आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों को इसके दायरे में लाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि कोविड के बावजूद केंद्र सरकार ने पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत 3 करोड़ घर बनाने का काम किया है और अगले 5 साल में 2 करोड़ घर और बनाए जाएंगे। रूफटॉप सौर ऊर्जा योजना कि घोषणा के अनुसार से एक करोड़ घरों को 3०० यूनिट की मुफ्त बिजली हर महीने सौर ऊर्जा के जरिए मिल पाएगी। दरअसल अंतरिम बजट मुख्य रूप से नई सरकार के कार्यभार संभालने तक आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने पर केंद्रित होता है, इसीलिए अंतरिम बजट में किसी तरह की लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की जाती हैं।
वित्त मंत्राी निर्मला सीतारमण ने बहुत ही शानदार बजट प्रस्तुत कियाः संजय अग्रवाल
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बहुत ही शानदार बजट प्रस्तुत किया है्र 2०47 में विकसित भारत का जो संकल्प हमने लिया है, यह उसे विकसित भारत की ओर ले जाने के लिए एक संतुलित बजट है, 6 लाख करोड़ से अधिक रक्षा के लिए इस बजट में रखा गया है, 2 लाख करोड़ रूपया सड़कों और परिवहन के लिए इस बजट में रखा गया, 11 लाख करोड रुपए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है
, आशा नेत्रियों के लिए कि बजट में प्रावधान रखा गया है, 5 करोड नए मकान गरीबों के लिए बनाए जाएंगे, दो करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य कि बजट में रखा है, एक करोड़ लोगों को सौर ऊर्जा निशुल्क पिछली देने का प्रावधान कि बजट में रखा गया है,  किसानों के लिए 1 लाख करोड रुपए से अधिक का प्रावधान इस बजट में रखा गया है,
इस बजट में रखा गया है यह नए भारत का विकसित भारत का बजट है। वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को सुंदर बजट के लिए कोटि-कोटि नमन व बहुत-बहुत बधाई।
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