लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में कहा कि पिछले 6 वर्ष में 200 से अधिक नगर पालिका और नगर पंचायतों का गठन हुआ। अब उन्हे बुनियादी सुविधाओं से जोड़ना है। ऐसे में नगर पंचायतों के चयन की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, जहां इज ऑफ लिविंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
सीएम ने कहा कि नगर विकास के बगैर अन्य व्यवस्थाओं को गति नहीं दी जा सकती है। जिन नगर निकायों में इलेक्ट्रिक व्हीकल चलायी गई, उनके आस-पास के शहरों से इनकी नई डिमांड आ रही है। वो दिन दूर नहीं जब सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी, रायबरेली में भी आपको इलेक्ट्रिक व्हीकल चलते दिखाई देंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के पांच शहरों में मेट्रो चल रही है। पूरे देश में उत्तर प्रदेश में ही सर्वाधिक मेट्रो का संचालन हो रहा है। आगरा में इस वर्ष के अंत तक मेट्रो को संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी में रोपवे के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत जिन 240 नगर निकायों का विस्तारीकरण हुआ था। जैसे लखनऊ नगर निगम में कई गांव आए, पहले की सरकारों के समय में वहां पर विकास तब होता था जब वहां चुनाव होते थे। लेकिन हमने आते ही कहा कि विकास के लिए इंतजार क्यों करना। चुनाव जब होंगे तब होंगे लेकिन विकास से कोई वंचित नहीं होना चाहिए।
सीएम ने आगे कहा कि इसके अलावा मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित बस्ती योजना के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का कार्य हुआ। पहली बार आपने देखा होगा स्ट्रीट वेंडर जिन्हें पहले कोई नहीं पूछता था, वह हर जगह प्रताड़ित होते थे, शोषण का शिकार होते थे, लेकिन पहली बार प्रधानमंत्री जी ने स्ट्रीट वेंडर के लिए कोई योजना बनाई और स्ट्रीट वेंडर का व्यवस्थित रजिस्ट्रेशन, उन्हें बैंक के साथ जोड़ना, डिजिटल पेमेंट के साथ जोड़ने के साथ ही ब्याज पर ऋण उपलब्ध करवाने की कार्रवाई की गई। मुझे लगता है कि देश के अंदर सर्वाधिक स्ट्रीट वेंडर को जोड़ने वाला यानी इसके अंतर्गत 9 लाख 31 हजार से अधिक स्ट्रीट वेंडर को अब तक 204565 करोड़ रुपए की राशि वितरण करने का कार्य भी यहां हुआ है।
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना काल खंड में पूरे देश में जिस तरह जनमानस फ्री में टेस्ट, वैक्सीन, उपचार और राशन की सुविधा दी गयी, उस सफल मॉडल की पूरी दुनिया सराहना कर रही है। ये उन सब की आंखें खोलने वाला है जिन्होंने आजाद भारत को जाति, क्षेत्र, भाषा समेत तमाम वादों के आधार पर बांटा था। यह उन सभी की आंखों को खोलने वाला है कि जाति, मत और मजहब के नाम पर बांटने वाले लोग वास्तव में किसी के हितैषी नहीं होते हैं। इनका विकास से कोई लेना-देना नहीं होता। इनको गरीबों से कोई लेना-देना नहीं होता। ये केवल अपना और परिवार का उल्लू सीधा करना चाहते हैं।