उदयपुर। उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र में आठ इंसानों को शिकार करने वाला आदमखोर तेंदुआ वन विभाग की हर चाल को विफल करता नजर आ रहा है। वन विभाग के लगाए पिंजरों के पास पहुंचने के बावजूद उनमें बंधे पशुओं का शिकार करने के बजाय वह इंसानों पर ही हमला कर रहा है। बीती रात आदमखोर तेंदुए ने खेड़ा गांव में एक मां और बेटी पर हमला कर दिया।
शुक्रवार को जयपुर से शूटर की स्पेशल टीम आदमखोर तेंदुए का शिकार करने उदयपुर पहुंची। इस टीम ने गोगुंदा क्षेत्र में मोर्चा संभाल लिया है। इस टीम को वाइल्ड लाइफ सीसीएफ टी. मोहन राज लीड कर रहे हैं। इधर, तेंदुए को पकड़ने में विफलता के चलते सहमे और भयभीत ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
गोगुंदा क्षेत्र के खेड़ा गांव में शुक्रवार रात नौ बजे पूनाराम गमेती के घर के बाहर मां-बेटी पर हमला किया। इसमें वह बाल-बाल बच गए। समय रहते दोनों घर में घुस चुकी थीं। इसके बाद तेंदुए ने कुछ मुर्गियों को शिकार बनाया और जंगल की ओर निकल भागा। गुरुवार शाम इसी आदमखोर ने राठौड़ों का गुड़ा गांव में गुरुवार शाम राठौड़ों का गुड़ा गांव में समीपवर्ती पहाड़ी पर मवेशी चरा रहे नरेश भारती व उसकी मां कैलाश भारती पर तेंदुए ने हमला किया। तीन दिन पहले इसी गांव में आदमखोर तेंदुए ने एक पुजारी का शिकार किया था।
पिछले कई दिनों से छावनी बने क्षेत्र में आदमखोर तेंदुआ वन, पुलिस और सेना के जवानों को गच्चा दिए जा रहा है। वह वन विभाग के लगाए पिंजरों के समीप आता है लेकिन उनमें बंधे जानवरों का शिकार करने के बजाय लगातार मानवों पर हमला कर रहा है। इसके बाद वन विभाग ने नई रणनीति बनाई है।
आदमखोर तेंदुए को शूट करने के लिए जयपुर से शूटरों की स्पेशल टीम बुलाई गई है। टीम में जयपुर वाइल्ड लाइफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट टी. मोहन राज, सरिस्का फील्ड डायरेक्टर संग्राम सिंह कटियार और रामगढ़ विषधारी डीसीएफ संजीव शर्मा शामिल हैं।