मेरठ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने प्रदेश के माध्यमिक शिक्षकों की दशा और दिशा सुधारने के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रयागराज में टैगोर कम्युनिटी सेंटर में आयोजित दो दिवसीय प्रतिनिधि महाधिवेशन में भाग लेकर लौटे संघ के स्थानीय नेता राजेश त्यागी ने आज रविवार को अधिवेशन में लिए गए निर्णयो की जानकारी देते हुए बताया कि अधिवेशन में प्रदेश के कोने-कोने से आए शिक्षकों ने सरकार से पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षकों के राज्यकरण, स्थानांतरण की ऑनलाइन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने, वेतन विसंगतियों को दूर करने, और शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगाने जैसी मांगें जोर-शोर से उठाईं।
शिक्षा का निजीकरण और आउटसोर्सिंग से शिक्षकों की नियुक्ति पर तत्काल रोक लगे। सहायता प्राप्त विद्यालयों का शीघ्र राज्यकरण किया जाए। शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। चयन बोर्ड अधिनियम 2023 को संशोधित कर सेवा सुरक्षा बहाल की जाए। शिक्षकों का ऑनलाइन स्थानांतरण समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से हो। कोविड जैसी आपातकालीन स्थितियों में शिक्षकों को समुचित चिकित्सा सुविधा दी जाए। संघ के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने कहा कि शिक्षकों की समस्याएं लंबे समय से अनसुनी रही हैं। “अब शिक्षकों का धैर्य टूट रहा है।
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सरकार अगर इन मांगों को गंभीरता से नहीं लेती, तो हम उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।” प्रदेश अध्यक्ष जावेद पाण्डेय ‘ठकुराई’ ने भी सरकार से संवाद की अपील करते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी शिक्षकों की बात जरूर सुनें और समाधान करें, यही हमारी अपेक्षा है।” संघ की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि अगर जल्द सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो प्रदेशव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।