मुजफ्फरनगर। दिल्ली में विनाशकारी बाढ़ के बीच मुज़फ़्फ़रनगर में पंजीकृत छात्रों द्वारा संचालित ग़ैर सरकारी संगठन एहसास फॉर ह्यूमैनिटी फाउंडेशन आशा की किरण बनकर उभरा है। उनके उल्लेखनीय बाढ़ राहत अभियान ने प्रभावित समुदायों की सहायता में अपने प्रभावी प्रयासों के लिए प्रशंसा अर्जित की है। एहसास फॉर ह्यूमैनिटी के संस्थापक अमित गौड़ एडवोकेट के पुत्र उज्जवल गौड़ हैं, जो मुज़फ़्फ़रनगर के मूल निवासी हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय में अंतिम वर्ष के छात्र हैं।
उज्जवल ने हमें बताया कि संगठन की टीम दिल्ली विश्वविद्यालय के 27 कॉलेजों में है और इसमें लगभग 1000 छात्र छात्राएँ वालंटियर हैं। क्राउड फंडिंग की पहल के माध्यम से, उन्होंने तेजी से संसाधन जुटाए, आवश्यक आपूर्ति पहुंचाई और जरूरतमंद लोगों को चिकित्सा सहायता प्रदान की। सामुदायिक भागीदारी पर जोर देते हुए टीम एहसास ने एन डी आर एफ़ के साथ मिलकर कयीं गायों को भी बचाया साथ ही मच्छरदानी, सैनिटरी पैड्स, कपड़े, फ़ल, ख़ाना, पानी, २०० किलो गायें भैंसों का चोकर आदि दान किए।
इस असाधारण समर्पण और करुणा ने एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है, जिससे अनगिनत लोगों के जीवन में आशा और लचीलापन बहाल हुआ है। टीम एहसास से जुड़ा हर छात्र संकट के समय में सकारात्मक बदलाव लाने में युवाओं द्वारा संचालित पहल की शक्ति का उदाहरण देता है। इस सराहनीय कार्य से जिले का नाम रोशन हुआ है।