बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने बुधवार को एक आदेश जारी करके क्लास 1 से 8 तक पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को मध्याह्न भोजन में अंडा या केला देने का आदेश दिया है। दरअसल, राज्यभर के सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त स्कूल के कर्मचारियों को छात्रों को पोषण पूरक के रूप में उबले अंडे प्रदान करने का निर्देश दिया गया है। जो बच्चे अंडे नहीं खा रहे हैं, उन्हें केला या चिक्की (मूंगफली और गुड़ से बनी मिठाई) प्रदान की जाएगी।
कुपोषण और एनीमिया दूर करने के लिए मध्याह्न् भोजन के साथ पूरक आहार दिया जाएगा। पहले चरण में 20 अगस्त से सप्ताह में एक बार अंडा या केला दिया जाएगा। स्कूलों को 8 रुपये प्रति पीस के हिसाब से अंडे/केले/चिक्की खरीदने का निर्देश दिया गया है।
इससे पहले कर्नाटक सरकार के फैसले से राज्य में विवाद खड़ा हो गया था। इस फैसले ने समाज के एक वर्ग को नाराज कर दिया था, जिसने मांग की थी कि स्कूल परिसर में अंडे नहीं बांटे जाने चाहिए। यह स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच भेदभाव को बढ़ाता है।
स्कूली बच्चों के लिए एग सप्लीमेंट का समर्थन करने वाले एक अन्य वर्ग ने दावा किया कि यह प्रोजेक्ट रुकना नहीं चाहिए क्योंकि छात्रों को प्रोटीन सप्लीमेंट की सख्त जरूरत है। जिन बच्चों को बेहतर पोषण मिलता है, उनका रिजल्ट भी बेहतर आता है।
बता दें कि एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली भाजपा-जद (एस) गठबंधन सरकार ने 2007 में धार्मिक समूहों के दबाव के आगे झुकते हुए स्कूली बच्चों को अंडे वितरित करने की अपनी योजना वापस ले ली थी। हालांकि, पिछली भाजपा सरकार ने इस योजना को लागू किया था।