मेरठ। गन्ना किसानों की बकाया रकम पर मेरठ मंडलायुक्त ने कड़ा रुख अपनाते हुए चीनी मिलों पर सख्त हुए हैं। उन्होंने साफ संदेश दे दिया है कि अब सिर्फ़ वादे नहीं, वक़्त पर भुगतान चाहिए! मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक में चीनी मिलों की चालाकी और सुस्ती पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “अगर टैगिंग के मुताबिक भुगतान नहीं हुआ, तो गन्ना क्षेत्र की कटौती तय है। बैठक में किनौनी, सिम्भावली, मोदीनगर, ब्रजनाथपुर, मलकपुर और बुलन्दशहर की मिलों की माहवार भुगतान योजनाओं की समीक्षा की गई।
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सामने आया कि अप्रैल तक अधिकांश मिलें तय लक्ष्य से पीछे चल रही हैं।किनौनी मिल को 55 करोड़ चुकाने थे, दिए सिर्फ़ 42.80 करोड़। मोदीनगर का टारगेट 8 करोड़, दिया 16.84 करोड़। वहीं सिम्भावली ने तय से अधिक भुगतान किया, लेकिन बाकी मिलें फिसड्डी रहीं। मंडलायुक्त ने चीनी मिल प्रतिनिधियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान तुरंत करें। पुराने सत्रों से चले आ रहे भुगतान लंबित मामलों को निपटाया जाए और अन्य संसाधनों से फंड जुटाकर किसानों को राहत दी जाए।
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उन्होंने यह भी कहा कि गन्ना विकास कार्यों पर ध्यान न देने और परता में कमी के पीछे की वजहों को समझते हुए रोग-कीट नियंत्रण पर ज़ोर दिया जाए। मंडल आयुक्त का संदेश साफ है – अब किसान के हक़ में देरी नहीं चलेगी। वक़्त पर भुगतान नहीं किया, तो कार्रवाई तय है। बता दें कि मेरठ की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अभी भी एक बड़ी समस्या है। कई मिलों ने किसानों को समय पर भुगतान नहीं किया है, जिससे किसानों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ मिलें तो किसानों का भुगतान करने के लिए नोटिस भी जारी कर रही हैं, लेकिन भुगतान अभी भी बकाया है।