Thursday, April 3, 2025

भाजपा जिलाध्यक्ष पर अभद्रता का आरोप लगाने वाली सुनीता मलिक कार्यालय पर धरने पर बैठी, निष्कासित किया

मुजफ्फरनगर। भाजपा जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी पर अभद्रता का आरोप लाकर पिछले एक माह से भाजपा की राजनीति में खलबली मचाने वाली सुनीता मलिक आज एक बार फिर से चर्चाओं में है। भाजपा महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष सुनीता मलिक आज देर शाम गांधी नगर स्थित भाजपा कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई, जिसे पार्टी जिलाध्यक्ष ने अनुशासनहीनता मानते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया।

जानकारी के अनुसार शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव पीनना निवासी सुनीता मलिक पिछले 15 वर्षो से भाजपा की सक्रिय सदस्य रही है और वर्तमान में वह भाजपा महिला मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष पद पर काबिज थी। जनवरी माह के शुरू में ही गांव पीनना के एक विवाद में शहर कोतवाली में सिफारिश करने पर उनकी भाजपा जिलाध्यक्ष डा. सुधीर सैनी से हॉटटॉक हो गई थी। इस मामले में सुनीता मलिक ने मीडिया के सामने डा. सुधीर सैनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी भडास निकाली थी।

इस घटना को जिलाध्यक्ष ने गंभीरता से लेते हुए सुनीता मलिक को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी कर जवाब मांगा था और उन्हें जिला उपाध्यक्ष के पद से भी हटा दिया था। सुनीता मलिक द्वारा नोटिस का जवाब दिये जाने के बावजूद जिलाध्यक्ष के तेवर नरम नहीं पडे थे और उन्होंने सुनीता मलिक के जवाब को नाकाफी बताया था। इसके बाद सुनीता मलिक ने भाजपा छोडने की घोषणा करते हुए क्रांति सेना की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

क्रांति सेना महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष पूनम चौधरी ने सुनीता मलिक को बाकायदा सदस्यता ग्रहण कराई थी। इसके बाद से यह मामला ठंडा पडा था, लेकिन आज देर शाम अचानक सुनीता मलिक गांधी नगर स्थित भाजपा कार्यालय पर पहुंच गई। कार्यालय के अंदर अपने आफिस में जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ किसी मुद्दे पर बैठक कर रहे थे, जिस कारण सुनीता मलिक बाहर गेट पर ही धरना देकर बैठ गई। उन्हें कई बार वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने समझाया, लेकिन वह वहीं से नहीं उठी, उनका कहना था कि पार्टी में 15 वर्ष तक काम किया है और यहां तक लाने में पार्टी में जो योगदान दिया है, उसके बदले जिलाध्यक्ष ने उनके साथ अभद्रता की है, जिसका वह जवाब लेकर रहेंगी।

जिलाध्यक्ष ने कई वरिष्ठ पदाधिकारियों को सुनीता मलिक को वहां से हटाने के लिये भेजा, लेकिन सुनीता मलिक टस से मस नहीं हुई, जिसके बाद जिलाध्यक्ष ने मीडिया को एक प्रेस नोट जारी कर सुनीता मलिक पर अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा का आरोप लगाते हुए तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया। देर रात में सुनीता मलिक को बामुश्किल कार्यालय के बाहर से उठाया जा सका।

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