नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले के आरोपी महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को खराब स्वास्थ्य के कारण दी गई अंतरिम जमानत की अवधि गुरुवार को छह महीने के लिए बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अनापत्ति के बाद जमानत अवधि बढ़ाने का आदेश दिया।
पीठ ने ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू की दलीलों को रिकॉर्ड में लिया कि अगर अदालत मलिक को दी गई अंतरिम जमानत को बढ़ाने का फैसला करती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।
श्री राजू ने अदालत से कहा कि मलिक के अनुरोध पर विचार किया जा सकता है। उन्हें चिकित्सा आधार पर जमानत विस्तार दिया जा सकता है।
इसके बाद पीठ ने मलिक को दी गई मेडिकल आधार पर जमानत की अवधि बढ़ाने का फैसला किया और मामले को छह महीने के बाद के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश किया।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में मलिक की अंतरिम जमानत तीन महीने के लिए बढ़ा दी थी। इससे पहले अदालत ने कहा था कि मलिक किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं। उन्हें 11 अगस्त 2023 को दो महीने के लिए अंतरिम जमानत मिलने के बाद से उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।
ईडी ने कथित तौर पर भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े एक मामले में मलिक को फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था।