Monday, December 23, 2024

बदलाव का प्रतीक है नव वर्ष…..लाएं सकारात्मक बदलाव पाएं सफलता

प्रकृति की दृष्टि से देखें तो एक तरफ सूरज ढलता है और दूसरी तरफ उदय होता है यानि उदय और अस्त एक क्रम है सृष्टि में। वैसे देखें तो नए साल में केवल कैलेंडर नहीं बदलता बहुत कुछ बदल जाता है। नववर्ष बेशक बदलाव का प्रतीक है और इसी क्रम में 31 दिसंबर के समाप्त होते ही एक नया वर्ष 2024 के रूप में हमारे सामने होगा।
थोड़ा सोच तो आप मानेंगे कि नया साल संदेश लेकर आता है ‘बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुध लेय’ यानी जो बीत गया है उसे भुला दें। यदि कुछ खराब घटित हुआ है तो उससे सीख लें यदि कुछ अच्छा हुआ है तो उसे आने वाले वर्ष में जारी रखें यही है नए वर्ष का सबसे सार्थक अर्थ। 31 दिसंबर को जैसे ही रात के 12:00 बजेंगे एक सेकंड बाद ही यह साल गत वर्ष में बदल जाएगा और 2024 जन्म ले लेगा और ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ, हर साल ऐसा ही होता है पुराना वर्ष गुजर जाता है और नया साल शुरु हो जाता है और ऐसा भी नहीं है कि सारी दुनिया में 31 दिसंबर को ही यह घटना होती है। दुनिया भर में इतने नए वर्ष हैं कि उनकी गिनती करना ही मुश्किल है।
एक जनवरी से लेकर 31 दिसंबर तक दुनिया में अलग-अलग समय पर, अलग-अलग नाम से, अलग अलग संस्कृतियों के वर्षों की शुरुआत होती है और फिर धीरे-धीरे इनका क्षय होता है और यें वर्तमान से भूत बन जाते हैं पर यह सच है कि एक जनवरी से शुरु होने वाला वर्ष दुनिया के सबसे बड़े हिस्से में मनाया जाता है। अकेले भारतवर्ष में ही नव संवत्सर, शक संवत, उगादी पोंगल, मकर संक्रांति और दिवाली पर भी नई वर्षों की शुरुआत की जाती है।
पर नए साल को बदलाव का प्रतीक बनाना है तो बहुत कुछ बदलना होगा। केवल कैलेंडर बदलने से, उत्सव मना लेने से, पार्टी कर लेने से, साल के बदलने का कोई मतलब नहीं है। साल के बदलने का मतलब है हममें में बदलाव आए। हमारी सोच बदले, विचार बदलें, जीवन के प्रति नजरिया बदले, यदि व्यवहार में कहीं कुछ गलत है तो वह बदले और उसकी जगह सही आए तो समझिए कि नए साल की शुरुआत हो गई है पर, पुराना साल पुराने पत्तों की तरह पीछा नहीं छोड़ता बल्कि उस दौरान की उपलब्धियां और हमने जो भूले की हैं वे हम से जुड़ी रहती हैं।
यदि आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो हम, जीवन में ‘असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय’ का भाव भर सकें तो नए साल की शुभ शुरुआत निश्चित रूप से हो जाएगी।भौतिक दृष्टि से देखें तो अपने स्वास्थ्य को संभाल कर रख सकें। जीवन में छोटे-छोटे लक्ष्य प्राप्त कर सकें, पिछले वर्ष जो खोया है उसे कुछ नए के साथ प्राप्त कर सकें, जीवन में सुख संपत्ति जोड़ सकें, आने वाली पीढ़ी के लिए एक अच्छा आधार तैयार कर सकें तो भी जीवन में नए साल का आगमन हो जाएगा। यदि ज्ञान एवं व्यापार की दृष्टि से सोचें तो दोनों में ही खुद को अपग्रेड एवं अपडेट करें।
नए से नया सीखने की कोशिश करें हर नए सकारात्मक दृष्टिकोण को अपने जीवन में लाएं, खुद को उसके अनुसार बदलें, नवोन्मेषी, बनें और जो पुराना अच्छा है उसको संरक्षित करें तो मानिए कि ज्ञान एवं व्यापार के क्षेत्र में भी नए साल की शुरुआत को आपका कोई भी प्रतिद्वंदी नहीं रोक पाएगा। तो इसी भाव के साथ बनाया नया वर्ष! अब नया कैसे भी मनाएं पर समानता एक ही है और वह है नया साल अच्छा बीते उसकी शुरुआत अच्छी हो। यानी ‘वेल बिगन हाफ डन’ के सिद्धांत पर शुरू करें नया साल। कुछ अच्छे से संकल्प लेकर नए साल को शुरू करेंगे तो नए साल में कुछ अच्छा पानी की उम्मीद बढ़ जाएगी आई बात करते हैं कुछ ऐसे ही संकल्पों की।
सकारात्मक हो सोच: नए साल को सार्थक बनाने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है सकारात्मक विचार। यदि हम पॉजिटिव तरीके से सोचते हैं तो तय है कि हमें परिणाम भी पॉजिटिव ही मिलेंगे। मन से नकारात्मक विचार निकाल फेंके। मन को कभी हारने मत दीजिए कहा भी है ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’।
दृढ़ता जरुरी: सफलता के लिए जरूरी है मन में दृढ़ता का होना और दृढ़ता संकल्प व कर्म के बगैर नहीं आती। केवल सोचने मात्र से कोई कार्य नहीं होता। इसका मतलब यह हुआ कि हम अपनी सोच को अच्छा बनाएं और साथ ही साथ इस अच्छी सोच को पूरा करने के लिए संकल्प लें और उस संकल्प पर दृढ़ता पूर्वक डटे रहकर निरंतर कार्य करें।
मिल-जुल कर रहें: कहते हैं मिलजुल कर रहने से सुख बढ़ जाता है और दुख घट जाता है तो नए साल में संकल्प लें कि हम अपने परिवार के साथ मित्रों के साथ रिश्तेदारों के साथ मिलजुल कर रहेंगे ऑफिस में टीम वर्क की भावना के साथ कार्य करेंगे और अपने साथियों को सम्मान देंगे । आगे पढ़कर उनके कार्यों में हाथ बटाएंगे और सर्वे भवंतु सुखिन: की भावना के साथ कार्य करने का पूरा प्रयास करेंगे।
यदि आप ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से नया साल खुशनुमा होगा। स्मार्ट बनें: आज का जमाना ‘हार्डवर्क’ से कहीं ज़्यादा ‘स्मार्ट वर्क’ का है। कठोर मेहनत, सतत प्रयास, तो जरूरी हैं ही स्मार्ट वर्कर के रूप में भी अपने आप को ढालना होगा। हमें अपना लक्ष्य स्मार्ट तरीके से प्राप्त करना है तो तकनीकी ज्ञान बहुत जरूरी है तो इस वर्ष ठान लीजिए कि आप अपने तकनीकी ज्ञान को लगातार अपडेट करते रहेंगे। पक्का मानिए ऐसा करने से आपकी सफलता की दर बहुत ऊंची हो जाएगी। बचिए ईर्ष्या से: पॉजिटिव होना बहुत जरूरी है मगर उससे भी ज्यादा जरूरी है दूसरों के प्रति ईर्ष्या डाह या द्वेष भाव न रखना ।
कॉम्पिटेटिव बनिए प्रतिस्पर्धा रखिए मुकाबला कीजिए मगर यदि किसी से जलते रहेंगे तो इससे केवल हमारा ही नुकसान होगा और हम अपनी उन्नति का सही रास्ता ढूंढने के बजाय इस बात में उलझ कर रह जाएंगे कि दूसरे का नुकसान कैसे हो। बेहतर हो कि हम अपनी उन्नति पर ध्यान दें न कि दूसरों से जलने में वक्त खराब करें। स्वस्थ रहें, एंजॉय करें: वैसे तो सफलता के इतने टिप्स हैं कि कभी खत्म न हों लेकिन सबसे बड़ा गुर है खुद को स्वस्थ रखना।
यदि हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तभी कुछ कर पाएंगे। अस्वस्थ रहे तो तय मानिए कि हम न काम का आनंद ले सकते हैं नहीं खानपान का। न ढंग से खेल सकते हैं न घूम सकते हैं इसलिए नए साल में खुद को स्वस्थ रखने को टॉप प्रायोरिटी दें। कहा भी गया है कि जान है तो जहान है तो नववर्ष को इस बार हेल्थ मेंटीनेंस इयर बनाकर एंजॉय करें। ऑल द बेस्ट एंड हैप्पी न्यू ईयर।

-डॉ घनश्याम बादल

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