Thursday, June 27, 2024

एमजी वर्ल्ड विजन स्कूल के खिलाफ सपा-रालोद नेताओं व अभिभावकों ने दिया धरना, मुकदमा वापस लेने की मांग

मुजफ्फरनगर। महावीर चौक के निकट जीआईसी मैदान में एमजी वर्ल्ड विजन स्कूल के खिलाफ दिए गए धरने पर सपा-रालोद नेताओं व अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने व मुकदमा वापस लेने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि बीते दिवस एमजी वर्ल्ड विजन स्कूल की प्रधानाचार्य ने 8 अभिभावकों और बच्चों के खिलाफ कोरोनाकाल के दौरान फीस न देने और बिना टीसी के ही दूसरे विद्यालयों में दाखिला कराने के विरोध में मुकदमा दर्ज कराया था।

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मुकदमा दर्ज होने के बाद जैसे ही पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की, तो छात्रों के अभिभावक हरकत में आ गए और सपा नेता राकेश शर्मा और रालोद के पूर्व छात्र सभा के जिला अध्यक्ष संजय राठी के नेतृत्व में जीआईसी मैदान में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान अभिभावकों ने विद्यालय की प्रधानाचार्य व प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की और उनकी निंदा की।

सपा-रालोद नेताओं ने कहा कि प्रधानाचार्य को इस तरह की कार्यवाही नहीं करनी चाहिए थी। उनका कहना है कि कक्षा 5 तक के छात्रों के ट्रांसफर सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होती है और हमने अपने बच्चों की पूरी फ़ीस जमा की हुई है।

आपको बता दें कि मामला मुजफ्फरनगर के एमजी वर्ल्ड विजन से जुड़ा हुआ है, एमजी वर्ल्ड विजन ने उन आठ अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है, जिन्होंने कोरोनाकाल में अपने बच्चों की कुछ महीनों की फीस नहीं दी थी और स्कूल से बिना टीसी लिए,अन्य स्कूलों में एडमिशन करा लिया था। एमजी वर्ल्ड  ने उन स्कूलों को भी इस मामले में 120 बी का मुलजिम बनाया है, जिन्होंने एडमिशन दिए थे। पुलिस ने इस मामले में गंभीर धाराओं में अभिभावकों और स्कूलों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया  है।

एमजी वर्ल्ड विजन की प्रधानाचार्य मृणालिनी अनंत ने नगर के निवासी मनोज गुप्ता, दिवेश कुमार, अर्पित चौधरी, सचिन शर्मा, राहुल शर्मा, प्रमोद कुमार, गुलरेज और अनुज गुप्ता के खिलाफ लिखाई गयी एफआईआर में आरोप लगाया है कि इन सभी अभिभावकों ने उनके स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने की फीस नहीं दी और बिना स्कूल से टीसी लिए नगर के ही अन्य स्कूलों में अपने बच्चों का प्रवेश करा लिया, जिसके चलते पुलिस ने धारा 42०, 4०6 और 12०बी के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया है और जांच शुरू कर दी है।

मुजफ्फरनगर की थाना नई मंडी पुलिस ने अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मयंक जायसवाल के निर्देश पर यह मुकदमा दर्ज किया है। इस संबंध में पीडि़त अभिभावकों ने बताया कि कोरोना काल में उन्होंने अपने बच्चों को निकालने के लिए स्कूल से संपर्क किया था, लेकिन कई महीने तक उन्हें टरकाया जाता रहा, जिसके बाद उन्होंने अपने बच्चों का एडमिशन अलग-अलग स्कूलों में करा दिया था। इन अभिभावकों ने बताया कि जब स्कूल द्वारा उन्हें बकाया फीस के लिए नोटिस दिए गए थे, तो उन्होंने स्कूल से संपर्क भी किया था, पर स्कूल की प्रधानाचार्य मृणालिनी अनंत ने उनसे कहा था कि तुम्हें अदालत में देखेंगे, वहीं स्कूल के मालिक ने कहा था कि तुम सभी को हम जेल भिजवाएंगे।

अभिभावकों का कहना है कि यह स्कूल मुजफ्फरनगर के प्रमुख उद्योगपति सतीश गोयल संचालित करते हैं। सतीश गोयल अपने राजनीतिक और प्रशासनिक रसूख के जरिये इस तरह के कारनामे करते रहते हैं। सतीश गोयल के एमजी पब्लिक स्कूल के खिलाफ भी स्कूल के मुख्य ट्रस्टियों में शामिल स्वर्गीय सुरेंद्र सिंधी का परिवार लगातार शासन प्रशासन से गुहार लगाता रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश आने के बाद भी प्रशासन उसकी जांच नहीं करता है, जबकि उसमें करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आती है, वही सतीश गोयल के प्रयास पर फीस न देने पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि मृणालिनी अनंत ने पिछले साल भी अदालत में इस मामले को लेकर एक वाद दायर किया था, तत्कालीन अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रशांत कुमार सिंह ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। याचिका खारिज करते समय अदालत ने कहा था कि मृणालिनी अनंत द्वारा धारा 156(3) के तहत अभिभावकों के खिलाफ मुकदमा लिखने का मामला कोई संघेय अपराध नहीं है और फीस वसूली करने के लिए दबाव बनाने के लिए स्कूल यह मुकदमा लिखाना चाहता है, इसलिए यह मुकदमा न्यायालय के मतानुसार दर्ज कराया जाना उचित नहीं है, पर अब एक साल बाद संभवत: न्यायालय को पुराने फैसले के विषय में तथ्य छुपा कर नई याचिका दायर कर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि एमजी वर्ल्ड विजन ने अपनी याचिका में उन स्कूलों को भी मुलजिम बनाने का अनुरोध किया है, जिन्होंने इन बच्चों को अपने स्कूलों में बिना टीसी के प्रवेश दिया है, उन स्कूलों में दी.एस.डी पब्लिक स्कूल, एस.डी. पब्लिक स्कूल और माउंट लिट्रा जैसे नगर के प्रमुख स्कूल शामिल है। अभिभावकों के अनुसार इस संबंध में कानून के जानकारों का कहना है कि अदालत में एक ही प्रकरण में मुकदमा खारिज होने के बाद दोबारा तथ्य छुपा कर यदि ऐसा मुकदमा दर्ज कराया जाता है, तो यह धारा 340  के तहत प्रधानाचार्य के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई किए जाने का मामला है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कक्षा 5 तक प्रवेश के लिए टीसी जमा कराया जाना बाध्यता नहीं है, इस संबंध में अभिभावकों ने जिलाधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी से भी मुलाकात की और उन्हें अपना प्रार्थना पत्र दिया,  इस पर जिलाधिकारी ने भी किसी भी तरह का अन्याय न होने देने का भरोसा दिलाया है।

प्रधानाचार्य मृणालिनी अनंत ने कहा कि उन्होंने पहले प्रशासन स्तर पर समस्या का समाधान कराने की कोशिश की, लेकिन कुछ न होने पर न्यायालय का सहारा लिया है।

क्षेत्राधिकारी नई मण्डी रूपाली राव ने बताया कि एमजी वर्ल्ड विजन स्कूल की प्रधानाचार्य द्वारा कुछ बच्चों के अभिभावकों पर न्यायालय के आदेश पर अभियोग पंजीकृत करवाया है, इस मामले में पुलिस द्वारा जांच की जा रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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